Data: भोपाल। मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग बजट के लिहाज से केरल से दोगुना और छत्तीसगढ़ व उड़ीसा से भी बड़ा है। इसके बावजूद शून्य से 4 साल तक के बच्चों की मृत्यु दर में प्रदेश की स्थिति बेहद चिंताजनक है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम स्टेटिकल रिपोर्ट-2023 के अनुसार, इस श्रेणी में मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
राज्यवार स्थिति
- केरल: सबसे बेहतर, बच्चों की मृत्यु दर केवल 1.3%।
- हिमाचल प्रदेश व पंजाब: 2.3%।
- कर्नाटक: 3.7%, महाराष्ट्र: 3.8%।
- मध्य प्रदेश: शहरी क्षेत्रों में 10.5% मृत्यु दर के साथ देश में पहले स्थान पर।
शहरी और ग्रामीण परिदृश्य
- शहरी क्षेत्र:
- मध्य प्रदेश – 10.5% (देश में पहला स्थान)
- उत्तर प्रदेश – 10.1%
- राजस्थान – 9.4%
- ग्रामीण क्षेत्र:
- उत्तर प्रदेश – 16.1%
- मध्य प्रदेश – 15.5% (दूसरा स्थान)
- राजस्थान तीसरे और झारखंड चौथे स्थान पर।
- केरल: शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सबसे कम मृत्यु दर।
स्वास्थ्य विभाग का पक्ष
स्वास्थ्य विभाग आयुक्त तरुण राठी ने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं—
- ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रशिक्षित डॉक्टरों की संख्या बढ़ाना।
- रेफरल और एंबुलेंस सेवाओं को मजबूत करना।
- ब्लॉक स्तर पर समर्पित मातृ-शिशु केंद्रों की स्थापना।
- पोषण, टीकाकरण और स्वास्थ्य की सतत निगरानी।
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