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Statement: मोहन भागवत के बयान पर दिग्विजय सिंह का पलटवार: कहा—‘RSS ने सनातन धर्म का अपमान किया, PM बताएं संघ की मेंबरशिप फॉर्म’

मोहन भागवत के बयान पर दिग्विजय

Statement: भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के हालिया बयान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने संघ जैसे अनरजिस्टर्ड संगठन की तुलना हिंदू धर्म से करके सनातन परंपरा का अपमान किया है। दिग्विजय ने कहा—”अगर प्रधानमंत्री खुद को संघ का कार्यकर्ता बताते हैं, तो वे मेंबरशिप फॉर्म दिखाएं।”


🔹 “संघ की तुलना धर्म से करना गलत”

भोपाल स्थित अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने कहा कि बेंगलुरु में RSS के शताब्दी समारोह के दौरान मोहन भागवत ने कहा था कि “अगर RSS अपंजीकृत है तो हिंदू धर्म और इस्लाम भी अपंजीकृत हैं।”
इस पर दिग्विजय ने प्रतिक्रिया दी—

“भागवत जी, आपने हिंदू धर्म की तुलना एक संगठन से करके सनातन धर्म का अपमान किया है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। आपको इसके लिए देश और संत समाज से माफी मांगनी चाहिए।”


🔹 “PM बताएं, अगर संघ कार्यकर्ता हैं तो फॉर्म कहां है”

दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद को संघ का कार्यकर्ता बताते हैं,

“अगर आप सच में सदस्य हैं तो बताइए, संघ का पंजीकरण कब हुआ? उसका सदस्यता फॉर्म कैसा है? अगर संगठन रजिस्टर्ड ही नहीं है, तो इनकम टैक्स से छूट कैसे मिली?”


🔹 “RSS अनरजिस्टर्ड है, फिर भी टैक्स से छूट?”

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि RSS के पास कोई औपचारिक खाता नहीं है, फिर भी वह “गुरु दक्षिणा” लेता है और टैक्स से छूट का दावा करता है। उन्होंने सवाल उठाया—

“जब आपकी संस्था का पंजीकरण ही नहीं है तो इनकम टैक्स से छूट का आदेश किस आधार पर मिला? कौन सा न्यायालय या जज आपको मान्यता दे रहा है?”


🔹 “ब्रिटिश हुकूमत के समय भी RSS ने पंजीकरण नहीं कराया”

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1925 में जब RSS की स्थापना हुई, तब सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 पहले से लागू था, पर संघ ने पंजीकरण नहीं कराया।
उन्होंने कहा—

“ब्रह्म समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन जैसे संगठन रजिस्टर्ड हुए, लेकिन RSS ने आजादी से पहले और बाद में भी कानून का पालन नहीं किया।”


🔹 “संघ पर PMLA के तहत कार्रवाई हो”

दिग्विजय ने बताया कि उन्होंने 2021 में वित्त मंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी कि RSS पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई की जाए।

“संघ ने दावा किया था कि उसने कोविड काल में 7 करोड़ रुपए खर्च किए। जब उसका कोई बैंक अकाउंट नहीं है, तो पैसा आया कहां से?”


🔹 “RSS और BJP नफरत फैला रहे हैं”

दिग्विजय ने संघ पर आरोप लगाया कि उसके प्रचारक और नेता मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हैं, जिससे समाज में नफरत फैलती है।
उन्होंने कहा—

“सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए। सनातन धर्म यही सिखाता है। लेकिन RSS के प्रचारक हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ रहे हैं।”


🔹 “गोडसे संघ का कार्यकर्ता था”

महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए दिग्विजय ने कहा—

“नाथूराम गोडसे संघ का कार्यकर्ता था, यह उसके भाई ने भी माना था। RSS बार-बार कहता है कि हमारे पास सदस्यता नहीं है, तो फिर आप कैसे कहते हैं कि वह आपका सदस्य नहीं था?”


🔹 “संघ सबसे बड़ा NGO बताना विरोधाभास”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने संघ को “देश का सबसे बड़ा NGO” बताया था।

“कैसा NGO है जिसका पंजीकरण, सदस्यता और अकाउंट तीनों नहीं हैं, और जो धर्म से अपनी तुलना करता है?”

साभार… 

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