Big decision: देश में बढ़ते डॉग बाइट के मामलों ने आम लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट भी इस स्थिति पर नाराज़गी जता चुका है और राज्यों को कुत्तों के वैक्सीनेशन व नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसी बीच कर्नाटक सरकार ने पीड़ितों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है।
कुत्तों के हमले में मौत पर 5 लाख का मुआवजा
कर्नाटक सरकार ने घोषणा की है कि:
- डॉग बाइट से मौत होने पर परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा।
- कुत्ते के काटने, शरीर पर काला निशान बनने या कई बार काटने पर 5,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
- इसके अलावा
- पीड़ित को 3,500 रुपये,
- और 1,500 रुपये सुवर्णा आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट को दिए जाएंगे।
सरकार का कहना है कि यह कदम पीड़ित परिवारों को त्वरित आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
हरियाणा सरकार पहले ही लागू कर चुकी है मुआवजा योजना
सितंबर 2024 में हरियाणा सरकार ने भी कुत्ते के काटने पर मुआवजा देने का ऐलान किया था:
- न्यूनतम राशि 10,000 रुपये, यह प्रति दांत (bite) के हिसाब से तय की गई है।
- शरीर पर 0.2 सेमी गहरे घाव पर 20,000 रुपये मुआवजा।
- सीधे पीड़ितों तक राशि पहुंचे, इसके लिए हर जिले में एक समिति बनाई गई है।
चौंकाने वाले आंकड़े: 2024 में 37 लाख डॉग बाइट केस
पशुपालन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में देशभर में 37 लाख डॉग बाइट मामले दर्ज हुए।
रेबीज से कुल 54 लोगों की मौत हुई।
राज्यवार प्रमुख आंकड़े:
- महाराष्ट्र/तमिलनाडु — 4.80 लाख केस
- गुजरात — 3.90 लाख
- कर्नाटक — 3.60 लाख
- बिहार — 2.60 लाख
- केरल — 1.10 लाख
ये आंकड़े बताते हैं कि समस्या कितनी गंभीर रूप धारण कर चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश: कड़े कदम उठाना अनिवार्य
डॉग बाइट पर बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं:
- कुत्तों की नसबंदी, डीवार्मिंग और वैक्सीनेशन अनिवार्य किया जाए।
- स्कूल, अस्पताल जैसे संवेदनशील इलाकों के आसपास ऊंची दीवार/बाड़ बनाई जाए।
- रेबीज संक्रमित या आक्रामक कुत्तों की सुरक्षित व्यवस्था की जाए।
- सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक हो।
- सभी कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद की होगी।
- साभार..
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