वेब लॉगिन हर छह घंटे में होगा लॉगआउट
Big decision: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को मैसेजिंग और सोशल प्लेटफॉर्म्स को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया है। अब वॉट्सऐप, टेलीग्राम, सिग्नल, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट, अराटाई और जोश जैसे एप्स मोबाइल में तभी चल पाएंगे, जब फोन में रजिस्टर्ड SIM सक्रिय होगी। सरकार का कहना है कि यह कदम साइबर धोखाधड़ी और कॉल/मैसेज स्पैम पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपने आदेश में ‘SIM-to-Device Binding’ नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत यदि मोबाइल से सिम कार्ड निकाल दिया जाता है या नंबर बंद हो जाता है, तो संबंधित मैसेजिंग एप तुरंत बंद हो जाएगा।
वेब लॉगिन पर भी बड़ा बदलाव
लैपटॉप और डेस्कटॉप पर चलने वाले मैसेजिंग एप्स के लिए भी नए नियम लागू होंगे। अब हर प्लेटफॉर्म को हर छह घंटे में यूजर को ऑटो-लॉगआउट करना होगा। इसके बाद दोबारा QR कोड स्कैन कर ही लॉगिन किया जा सकेगा।
मतलब—अगर फोन की सिम बंद है, हटाई गई है या निष्क्रिय है, तो वेब व मोबाइल दोनों पर एप चलना बंद हो जाएगा।
क्यों लागू किया SIM-बाइंडिंग नियम?
सरकार के अनुसार:
- साइबर ठगी, स्पैम और फर्जी कॉल/मैसेज की घटनाएं बढ़ी थीं।
- विदेशों से नकली नंबर का इस्तेमाल कर फ्रॉड किया जा रहा था।
- यूजर की पहचान सुनिश्चित करने और साइबर सुरक्षा मजबूत करने के लिए यह नियम आवश्यक था।
एप उपयोग पर क्या फर्क पड़ेगा?
नया नियम लागू होने के बाद:
- सिम बंद → एप भी बंद
- नंबर बदलने पर सभी एप दोबारा रजिस्टर करने होंगे
- सिम हटाकर भी एप नहीं चल सकेंगे
- बिना सक्रिय नंबर के वॉट्सऐप/टेलीग्राम नहीं चल पाएंगे
इसे SIM-बाइंडिंग कहा जा रहा है।
वेब लॉगिन कैसे चलता था और अब क्या बदलेगा?
पहले
- एक बार फोन से QR कोड स्कैन करते ही वेब वर्ज़न लगातार लॉगिन रहता था।
- फोन में सिम हट जाए या बंद हो जाए, तब भी वेब चैट चलती रहती थी।
अब
- हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट
- दोबारा QR स्कैन अनिवार्य
- फोन में सिम सक्रिय नहीं है तो वेब भी तुरंत बंद
किन-किन एप पर असर पड़ेगा?
नियम केवल वॉट्सऐप-टेलीग्राम पर ही नहीं, बल्कि सभी नंबर-बेस्ड एप्स पर लागू होगा, जैसे—
- सिग्नल
- स्नैपचैट
- ट्रूकॉलर
- iMessage
- FB/Instagram/Google/Apple ID (अगर नंबर-बेस्ड रिकवरी सेट है)
- UPI एप्स (जहाँ OTP आधारित लॉगिन होता है)
कब से लागू होगा नया नियम?
- आदेश तत्काल प्रभाव से लागू
- कंपनियों को 90 दिन का समय तकनीकी बदलाव लागू करने के लिए दिया गया
- 120 दिनों में सरकार को अनुपालन रिपोर्ट भेजना अनिवार्य
नियम नहीं मानने वाली कंपनियों पर क्या कार्रवाई होगी?
DoT ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने पर
टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023, साइबर सिक्योरिटी रूल्स
और अन्य लागू कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
साभार….
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