प्रतिबंध के बावजूद अंडरब्रिज से निकल रहे बड़े वाहन

Accident Point: बैतूल। गंज का रेलवे अंडर ब्रिज अब एक्सीडेंट पाइंट बन गया है। आए दिन यहां पर दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं और लोगों की जान जा रही है लेकिन इस तरफ ना तो रेलवे का ध्यान है और ना ही प्रशासन का ध्यान है। ना जाने कितने लोग इस अंडर ब्रिज से गुजरने वाले भारी वाहनों की चपेट में आने से काल कवलित हो चुके हैं। हाल ही में एक व्यक्ति की यहां पर मौत हुई थी और उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया है जिसे नागपुर में भर्ती कराया गया है। घटना से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
बड़े वाहनों के लिए है प्रतिबंधित
गंज पर रेलवे फाटक बंद होने के कारण हमेशा यातायात प्रभावित होता था और लोगों को इस असुविधा से छुटकारा दिलाने के लिए जनप्रतिनिधिगणों के प्रयासों से रेलवे ने यहां पर अंडर ब्रिज बनाया था जिससे यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके। अब यह अंडर ब्रिज लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। रेलवे ने एक सूचना बोर्ड यहां लगाया है जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह मार्ग दोपहिया व चार पहिया हल्के वाहनों के लिए निर्मित किया गया है। इस मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश निषेध है। प्रतिबंध के बावजूद भी बड़े वाहन यहां से धड़ल्ले से निकलते हैं। इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
बना एक्सीडेंट पाइंट
अंडर ब्रिज का निर्माण जिस तरीके से किया गया है वह एक अंधे मोड की तरह है। इस ब्रिज से गुजरने वाले लोगों को सामने से आने वाले वाहन की स्थिति दिखाई नहीं देती है जिसके कारण आए दिन यहां पर एक्सीडेंट होते हैं और कई लोगों की जान चली गई है। दूसरा कारण यह भी सामने आया है कि रामनगर का रास्ता और बडोरा से आना वाला रास्ता अंडर ब्रिज पर ही मिलता है यह भी खतरनाक स्थिति को निर्मित करता है। ज्यादातर यहां पर बाइक सवार लोगों के एक्सीडेंट होते हैं वो बड़े वाहनों की चपेट में आ जाते हैं।
परिजनों ने जताई नाराजगी
14 अप्रैल को सोबेग सिंघ साहनी एण्ड संस में कार्यरत दो कर्मचारी अपनी ड्यूटी समाप्त कर मोटर साइकिल से घर रातामाटी जा रहे थे। इन मोटर साइकिल अंडरब्रिज के पास भीषण सडक़ दुर्घटना का शिकार हो गई जिसमें सज्जनसिंह परमार नाम के कर्मचारी की मौत हो गई। वहीं उनके साथ सवार दूसरे कर्मचारी को गंभीर चोट लगी और उन्हें नागपुर रेफर किया गया है। परिजनों का कहना है कि जब रेलवे ने इस मार्ग पर बड़े वाहन प्रतिबंधित किए हैं तो इन बड़े वाहनों के खिलाफ जो यहां से निकल रहे हैं उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है?
कौन करेगा कार्यवाही?
रेलवे ने प्रतिबंध लगाने के बाद सूचना पटल लगा दिया है और उसके इसके तरफ कभी ध्यान नहीं दिया कि इस प्रतिबंध का पालन कैसे होगा? इस संबंध में जब यातायात प्रभारी गजेंद्र केन से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि यह रेलवे की संपत्ति है और रेलवे को कार्यवाही करना चाहिए। वहीं आरपीएफ टीआई राजेश बनकर का कहना है कि अंडर ब्रिज हमेशा बड़े वाहनों के लिए प्रतिबंधित रहते हैं और रेलवे यहां पर हाईट गेज लगाती है जिससे बड़े वाहन नहीं निकले। यहां पर लगा है कि यह देखना पड़ेगा।
Leave a comment