100 करोड़ की फंडिंग की जांच
Action: बलरामपुर/मुंबई: उत्तर प्रदेश में कथित धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने बलरामपुर जिले के 12 ठिकानों और मुंबई के 2 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू हुई और देर शाम तक चलती रही। सूत्रों के अनुसार, ED को गिरोह के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की संदिग्ध विदेशी फंडिंग, हवाला नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों के पुख्ता सबूत मिले हैं।
ATS से मिले इनपुट के आधार पर कार्रवाई
यह छापेमारी UP ATS की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर की गई। ATS को छांगुर गिरोह के हवाला नेटवर्क, संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन और विदेशी फंडिंग के संबंध में कई अहम सुराग मिले थे, जो ED को सौंपे गए थे। जांच में सामने आया कि गिरोह से जुड़े 18 बैंक खातों में अब तक 68 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। सिर्फ तीन महीनों में 7 करोड़ की विदेशी फंडिंग इन खातों में दर्ज की गई।
धर्मांतरण और आतंकी नेटवर्क से जुड़े सुराग
जांच में कुछ आतंकी नेटवर्क से संबंध के संकेत भी मिले हैं:
- एक अज्ञात इमारत को आतंकी ट्रेनिंग कैंप के तौर पर उपयोग किए जाने के सबूत।
- विदेशी पैसे से खरीदे गए बंगले, शोरूम और लग्जरी वाहन (जैसे फॉर्च्यूनर SUV)।
- दरगाहों पर सालाना होने वाले उर्स मेले को धर्मांतरण के लिए प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल किया गया।
मुंबई में करीबी सहयोगी शहजादा के ठिकाने पर छापा
मुंबई के बांद्रा में स्थित छांगुर के करीबी शहजादा के घर भी ED ने छापा मारा। जांच में पता चला कि उसके खाते में 2 करोड़ रुपए की संदिग्ध रकम ट्रांसफर की गई, जो बलरामपुर निवासी नवीन (उर्फ जमालुद्दीन) के माध्यम से आई थी। यह फंडिंग धर्मांतरण गतिविधियों से जुड़ी मानी जा रही है।
बलरामपुर में बड़े पैमाने पर छापेमारी
ED की टीमें लखनऊ से बलरामपुर पहुंचीं और आसिपिया, हाशमी हुसैनी कलेक्शन, बाबा ताजुद्दीन कलेक्शन, मधुपुर और रेहरा माफी गांव में छापेमारी की। गिरोह के सहयोगी दुर्गेश के घर से भी कई दस्तावेज जब्त किए गए। जानकारी के अनुसार, दुर्गेश ने छांगुर को जमीनें अवैध तरीके से बेची, जिन पर वह आलीशान इमारत और डिग्री कॉलेज बना रहा था।
फर्जी पहचान और विदेश यात्राओं की परतें खुलीं
गिरोह से जुड़ी महिला नीतू उर्फ नसरीन और उसका पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन चेन्नई के मूल निवासी हैं। दोनों ने 2015 में इस्लाम धर्म कबूल किया, लेकिन आज भी उनके दस्तावेजों में हिंदू नाम दर्ज हैं। इनके पासपोर्ट, पैन और बैंक खातों में फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि दोनों अब तक 19 बार UAE की यात्रा कर चुके हैं, जिनमें एक बार साथ गए लेकिन अलग-अलग लौटे। छांगुर बाबा ने भी फर्जी पासपोर्ट से दुबई की यात्रा की थी।
अंतरराष्ट्रीय फंडिंग का जाल
ED को गिरोह से जुड़ी विदेशी बैंकिंग व्यवस्था का भी पता चला है। UAE, दुबई और शारजाह स्थित एमिरेट्स NBD, अल अंसारी एक्सचेंज जैसे माध्यमों से भारत में एक्सिस बैंक, SBI, HDFC और फेडरल बैंक के खातों में रकम ट्रांसफर की गई। गिरोह के नाम पर बने अस्वी इंटरप्राइजेज, अस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट और ताज्जुद्दीन अस्वी बुटीक जैसे संस्थानों के खातों में करोड़ों की एंट्री दर्ज है।
अगला कदम: कानूनी शिकंजा और गिरफ़्तारियां संभावित
ED अब पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है और जल्द ही बड़ी गिरफ्तारियां संभव हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यह नेटवर्क धार्मिक आस्था के दुरुपयोग, हवाला और अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग की एक साजिश का हिस्सा हो सकता है।
साभार…
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