Railway hardening: नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने फर्जी पहचान पत्र और नकली दस्तावेजों के जरिए ट्रेन यात्रा करने वालों पर लगाम कसने के लिए नई तकनीकी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब ट्रेनों में सवार यात्रियों की पहचान की सत्यता की जांच के लिए टीटीई (Traveling Ticket Examiner) को mAadhaar ऐप से पहचान पत्र सत्यापन की अनुमति दी गई है।
🔍 क्या है नया बदलाव?
- टीटीई अब केवल दिखाए गए पहचान पत्र पर निर्भर नहीं रहेंगे।
- वे अब यात्रियों का mAadhaar App की मदद से आधार कार्ड का QR कोड स्कैन करके ऑफलाइन वेरिफिकेशन कर सकेंगे।
- इससे यात्री के नाम, फोटो, जन्मतिथि और पते की पुष्टि तुरंत हो सकेगी।
📱 mAadhaar ऐप की खास बातें:
- इंटरनेट के बिना भी काम करता है।
- यात्री के असली आधार डिटेल्स को टीटीई के मोबाइल पर तुरंत दिखा देता है।
- फर्जी या दूसरे व्यक्ति का आधार कार्ड दिखाने पर तुरंत पकड़ में आ जाएगा।
🚆 अब तक की स्थिति क्या थी?
- पहले टीटीई केवल वही पहचान पत्र मान्य मानते थे जो यात्री दिखाता था।
- इसमें कई बार फर्जी या किसी और का पहचान पत्र दिखाकर लोग सफर करते थे।
- खासकर तत्काल टिकट या आईडी आधारित टिकट के मामलों में ये धोखाधड़ी आम थी।
🛡️ रेलवे की सख्ती का उद्देश्य:
- यात्रा की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- दलालों द्वारा फर्जी आईडी से तत्काल टिकट बुकिंग को रोकना।
- टिकट जांच प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।
📈 आगे क्या?
रेलवे बोर्ड अब इस तकनीक को और भी बेहतर बनाने के लिए इसे जल्द ही HHT (Hand Held Terminal) डिवाइस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे टीटीई के पास एक ही डिवाइस से टिकट जांच + आधार वेरिफिकेशन दोनों की सुविधा होगी।
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