MP सरकार ने बनाई 5 वर्षीय कार्ययोजना
Action plan: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने और कंपनियों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए पांच वर्षीय कार्ययोजना तैयार की है। योजना का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2028-29 तक बिजली दरों में 5 प्रतिशत की कमी लाई जाए। इसके तहत कंपनियों की बिलिंग दक्षता, संग्रहण दक्षता, पारेषण हानि घटाने और सब्सिडी कम करने पर जोर दिया गया है।
2026-27 में टैरिफ वृद्धि, 2027-28 में स्थिर दरें
कार्ययोजना के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 में 1 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का विकल्प रखा गया है, जबकि 2027-28 में बिजली दरें नहीं बढ़ाने की तैयारी है। सरकार का मानना है कि यदि योजना सफल होती है तो 2028-29 तक बिजली उपभोक्ताओं को सीधे लाभ मिलेगा।
कंपनियों ने घाटा बताया, आयोग ने 3.46% वृद्धि मंजूर की
बिजली कंपनियों ने वर्ष 2025-26 के लिए 58,744.15 करोड़ रुपये के राजस्व की आवश्यकता जताई है, जबकि मौजूदा दरों पर अनुमानित आय 54,636 करोड़ रुपये ही होगी। इससे 4107.18 करोड़ का घाटा सामने आया है। इसी आधार पर कंपनियों ने टैरिफ में 7.52% वृद्धि की मांग की थी, हालांकि नियामक आयोग ने केवल 3.46% बढ़ोतरी को मंजूरी दी।
पहले घाटे में नहीं थीं कंपनियां
वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनियां घाटे में नहीं थीं। उनकी आय और खर्च बराबर दर्ज हुआ था। लेकिन 2022-23 में राज्य की वितरण उपयोगिताओं को 57,223 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो 2021-22 के 26,947 करोड़ रुपये से कहीं अधिक था।
नियमित समीक्षा और निगरानी
ऊर्जा विभाग के एसीएस नीरज मंडलोई ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर यह कार्ययोजना बनाई गई है। प्रत्येक वर्ष लक्ष्यों की समीक्षा होगी और मैदानी स्तर पर कार्यों की सतत निगरानी की जाएगी।
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