Appointment: नई दिल्ली। क्या मध्यप्रदेश के ‘मामा’ शिवराज सिंह चौहान जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले हैं? यह सवाल अब दिल्ली से लेकर भोपाल तक सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है। रविवार शाम को दिल्ली झंडेवालान स्थित RSS मुख्यालय ‘केशवकुंज’ में शिवराज और सरसंघचालक मोहन भागवत की करीब 45 मिनट लंबी गुप्त बैठक ने अटकलों को और तेज कर दिया।
मुलाकात के मायने
25 अगस्त की शाम दिल्ली में मौसम सुहाना था, लेकिन सियासत का तापमान चढ़ा हुआ था। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक RSS मुख्यालय पहुंचे और मोहन भागवत से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह लंबी बातचीत लगभग दो साल बाद हुई। सूत्रों की मानें तो यह बैठक सितंबर में होने वाले BJP अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ी हो सकती है।
मुलाकात से पहले और बाद का घटनाक्रम
बैठक से पहले शिवराज भारत मंडपम में गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने अपने सरल अंदाज से सबका दिल जीता। लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही वह सीधे RSS दफ्तर रवाना हुए। बैठक खत्म होते ही वह दिल्ली एयरपोर्ट से भोपाल लौट गए और अगले दिन IISER भोपाल के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।
क्यों शिवराज आगे?
- 17 साल का लंबा मुख्यमंत्री कार्यकाल और जनता के बीच लोकप्रिय छवि।
- RSS से पुराने और मजबूत रिश्ते।
- केंद्रीय कृषि मंत्री के तौर पर सक्रिय और संगठनात्मक क्षमता।
- मध्य भारत से आते हैं, जो BJP के लिए रणनीतिक रूप से अहम है।
आगे की सियासत
जेपी नड्डा के कार्यकाल के बाद पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश में है। RSS और BJP नेतृत्व के बीच सहमति बनाना चुनौती थी। अब शिवराज का नाम सबसे मजबूत दावेदार के रूप में उभर रहा है। उम्मीद है कि 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद अध्यक्ष पद की प्रक्रिया तेजी पकड़ेगी।
सियासी पंडितों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि शिवराज का संगठन पर पकड़ और उनकी सादगी उन्हें बाकी दावेदारों से आगे रखती है। हालांकि कुछ जानकार यह भी कह रहे हैं कि BJP किसी चौंकाने वाले चेहरे को भी सामने ला सकती है।
साभार…
Leave a comment