Art Integrated Learning: भोपाल: अब अगर आप किसी सरकारी स्कूल में शिक्षकों को नृत्य, नाटक या कठपुतली शो करते देखें, तो यह मत समझिए कि वे पढ़ाई छोड़कर मनोरंजन कर रहे हैं। दरअसल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों को अब कला और प्रदर्शन कलाओं के माध्यम से सिखाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने ‘समृद्धि-2025 कार्यक्रम’ के तहत इस अभिनव पहल की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है—बच्चों को कठिन विषयों को आनंददायक और रचनात्मक तरीके से सिखाना।
🎨 कला के जरिए पढ़ाई होगी मजेदार
कक्षाओं में अब शिक्षक कठपुतली नृत्य, मुखौटे, कविता, गीत, चित्रों और मूर्तियों के जरिए कठिन विषयों को पढ़ाएंगे। इससे कक्षा का वातावरण रोचक रहेगा और विद्यार्थी विषय की गहराई को आसानी से समझ सकेंगे।
एनसीईआरटी की ओर से प्रदेश के 30 जिलों के 65 शिक्षकों का चयन किया गया है, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें से हर शिक्षक अपने जिले का मुख्य प्रशिक्षक होगा और आगे अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेगा। प्रशिक्षण के दौरान इन शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता भी कराई गई है, ताकि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चुनकर मॉडल क्लास तैयार की जा सके।
📘 हर विषय को जोड़ा जा रहा कला से
‘आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग’ के तहत अब हर विषय में किसी न किसी कला रूप को जोड़ा जाएगा। स्कूलों में अधिकारी इसकी निगरानी भी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विषय की समझ और छात्रों की भागीदारी दोनों बढ़ें।
🧠 विषयवार अभिनव प्रयोग
जीवविज्ञान:
सांदीपनि विद्यालय की शिक्षिका डॉ. अर्चना शुक्ला ने पाचन तंत्र पर नुक्कड़ नाटक तैयार किया। इसमें 35 बच्चों ने भोजन और एंजाइम की भूमिका निभाई। बच्चों ने मिट्टी से पाचन तंत्र के मॉडल बनाकर पूरी प्रक्रिया को अभिनय के माध्यम से समझाया।
गणित:
शासकीय नवीन कन्या उमावि की शिक्षिका प्रेरणा बर्डे ने गणित के कठिन प्रमेयों और सूत्रों को थ्री-डी आकृतियों और कविता के जरिए पढ़ाया। उन्होंने त्रिकोणमिति, त्रिशंकु और गोले जैसी आकृतियों को मॉडलों के माध्यम से बच्चों को समझाया, जिससे गणित अब नीरस नहीं बल्कि मजेदार बन गया।
🎶 शिक्षकों को मिल रहा विशेष प्रशिक्षण
एनसीईआरटी के ‘समृद्धि कार्यक्रम’ के तहत शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि वे गीत, संगीत, नृत्य और कला के माध्यम से कठिन विषयों को कैसे सरल बना सकते हैं।
दिनेश शर्मा, नोडल अधिकारी, समृद्धि कार्यक्रम ने बताया —
“आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग से बच्चे न केवल विषय को गहराई से समझ पाएंगे, बल्कि उनकी सृजनात्मकता और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।”
साभार…
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