Vultures: मध्यप्रदेश में गिद्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस बार हुई तीन दिवसीय गणना में राज्य में कुल 12,981 गिद्ध दर्ज किए गए हैं। 10 वर्षों में इनकी संख्या दोगुनी हो गई है, और अब सात प्रजातियों के गिद्ध राज्य में पाए जाते हैं।
🦅 गिद्ध गणना के मुख्य बिंदु
✅ गणना की अवधि: 17 से 19 फरवरी
✅ स्थान: 16 सर्कल, 64 डिवीजन और 9 संरक्षित क्षेत्र
✅ गणना का तरीका:
- केवल बैठे हुए गिद्धों की गिनती की गई।
- घोंसलों के आसपास मौजूद गिद्धों और उनके नवजातों का भी रिकॉर्ड रखा गया।
🦅 संख्या में वृद्धि का आंकड़ा
- 2019 – 8,397 गिद्ध
- 2021 – 9,446 गिद्ध
- 2024 – 10,845 गिद्ध
- 2025 – 12,981 गिद्ध (वर्तमान)
अब साल में दो बार गिनती होगी – ग्रीष्मकालीन गिनती 29 अप्रैल को होगी।
🦅 राज्य में प्रमुख गिद्ध आवास
📍 पन्ना नेशनल पार्क – सबसे बड़ा गिद्ध कुनबा (900+ गिद्ध)
📍 भोपाल वन विहार – 100+ गिद्ध, जिनमें सफेद पीठ वाले गिद्ध भी शामिल हैं।
🦅 गिद्धों की विलुप्ति का खतरा और संरक्षण प्रयास
- एक समय पर गिद्ध विलुप्ति की कगार पर थे, क्योंकि वे नर्वस और शर्मीले पक्षी होते हैं, जो साथी बनाने में भी समय लेते हैं।
- हरियाणा से 20 सफेद पीठ वाले गिद्ध लाकर भोपाल के वन विहार में संरक्षण के लिए रखा गया था।
- गिद्ध ‘धरती के सफाईकर्मी’ माने जाते हैं, जो पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं।
मध्यप्रदेश में गिद्ध संरक्षण के प्रयास सफल हो रहे हैं। लगातार बढ़ती संख्या से संकेत मिलता है कि प्रदेश की जैव विविधता को लेकर किए जा रहे प्रयास सही दिशा में हैं। यह जानकारी मध्यप्रदेश के टाइगर, चीता और तेंदुआ स्टेट की वन्यजीव संरक्षण की उपलब्धि को भी दर्शाती है।
source internet… साभार….
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