बोला अपहरण हो गया था गाड़ी से कूदकर भागा
Betul news: चिचोली। घर से ड्यूटी पर जाने के लिए निकला आर्मी जवान 13 दिन से लापता था और चिचोली में मिला। जवान ने बताया कि उसका अपहरण हो गया था। इस मामले को लेकर बैतूल पुलिस जांच कर रही है, वहीं सेना के कुछ अधिकारी भी चिचोली पहुंचे हैं। हालांकि इस जवान की गुमशुदगी महाराष्ट्र के बर्डी थाने में दर्ज थी वहां से पुलिस ने आकर उसे दस्तयाब कर परिजनों को सौंप दिया है। अब अपहरण के मामले में जांच की जा रही है कि आखिर जवान के आरोप में कितनी सत्यता है या और कोई कारण है।
बुधवार रात घायल अवस्था में आर्मी जवान गुड्डू पिता मुकेश गौड़ निवासी टेलीफोन कालोनी भुजापुर भण्डारा थाना बर्डी महाराष्ट्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिचोली में भर्ती कराया गया था। घायल जवान ने बताया कि 31 जनवरी को ड्यूटी पर लद्दाख जाने के लिए घर से निकला था और गोंडवाना एक्सप्रेस से जा रहा था। भोपाल-विदिशा के बीच टायलेट जाते समय पीछे से उसके सिर पर किसी ने वार किया और वह बेहोश हो गया। उसे होश जब आया जब एक गाड़ी से उसे चिचोली तरफ ले जा रहे थे। गाड़ी धीमी हुई तो वह कूदकर भागा और लोगों से मदद मांगकर उसे अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद आलमपुर निवासी पूर्व जनपद सदस्य डोमा सिंह कुमरे, राजेंद्र यादव, जयराम यादव ने फोर व्हीलर वाहन से आर्मी जवान को चिचोली के सीएचसी लाकर प्राथमिक उपचार दिलाया। ग्रामीणों ने बताया कि हंड्रेड डायल को भी घटना की जानकारी दी थी। लेकिन हंड्रेड डायल पुलिस मौके पर नहीं पहुंचने के चलते उन्होंने स्वयं ही वहां से आर्मी जवान को चिचोली सीएचसी पहुंचा।
इस मामले की जानकारी आर्मी जवान के पिता मुकेश गौड़ को दी गई। उन्होंने बताया कि उनका बेटा 31 जनवरी से लापता था और इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट बर्डी थाने में दर्ज कराई गई थी। उनके पिता बर्डी पुलिस को लेकर चिचोली पहुंचे और पुलिस ने गुड्डू को दस्तयाब कर सौंप दिया। एएसआई अजय मंडावी ने बताया कि हमारे पास सिर्फ गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी उसी को लेकर हमने कार्यवाही की है। अपहरण के मामले में आर्मी के अधिकारी जांच कर रहे हैं। इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है।
आर्मी जवान के अपहरण की जानकारी मिलने पर बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया, शाहपुर एसडीओपी मयंक तिवारी सहित अन्य पुलिस अधिकारी चिचोली पहुंचे हुए हैं। बैतूल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर आर्मी का जवान 13 दिन तक कहां था और उसने जो अपहरण की कहानी बताई है उसमें कितनी सच्चाई है? इसके अलावा घटना की जानकारी मिलने पर आर्मी के अधिकारी भी चिचोली पहुंचे हैं। वो भी इस मामले की जांच कर रहे हैं। जवान के अपहरण के आरोप से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या सही में उसका अपहरण हुआ था और उसे 13 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया? प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं। जिसे देखकर लग रहा है कि उसे टार्चर भी किया गया है। अब पूरी सत्यता जांच के बाद ही सामने आएगी। क्योंकि अपहरण के दौरान अपहरणकर्ताओं की क्या डिमांड थी और उन्होंने परिवार से संपर्क क्यों नहीं किया? अगर अपहरण हुआ था तो आर्मी जवान की अपहरणकर्ताओं से क्या दुश्मनी थी ऐसे कई अनसुलझे सवाल है जिन्हें जांच में सुलझाना पड़ेगा।
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