श्री कृष्ण और अवधूत के रूप मे पूजे जाएंगे वृक्ष, प्रभात पट्टन के देव भिलाई में की जाएगी स्थापना
चिचोली(राजेंद्र दुबे) – Betul News – भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों की विभिन्न रूपों को देव स्वरूप पूजने की परंपरा सदियों पुरानी है। हमारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी वृक्षों की महिमा का वर्णन मिलता है और वृक्षों की पूजा और प्रार्थना के नियम बनाए हैं। विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी पेड़ पौधों मे देवताओं का वास मानकर पूरी श्रद्धा भक्ति और विश्वास के साथ उनकी पूजा करते हैं।
ऐसी ही एक परंपरा को निभाते हुए गुरुवार को बैतूल जिले के देवभिलाई क्षेत्र के ग्रामीण नगर में कौतूहल का विषय बने। यह ग्रामीण एक बड़े ट्राले पर दो विशालकाय सागवान के वृक्षों को लेकर उसके पीछे भजन कीर्तन करते हुए पैदल यात्रा पर नगर से निकले। इन पेड़ों को भगवान श्री कृष्ण और उनके सखा अवधूत के रूप मे देव भिलाई के एक मंदिर में विधि विधान से प्रतिष्ठित किया जाएगा।
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भगवान के रूप में होगी पूजा | Betul News
यात्रा के साथ चल रहे ग्रामीणों ने बताया कि बैतूल जिले के प्रभात पट्टन ब्लॉक के देवभिलाई में भगवान श्री कृष्ण एवं उनके सखा अवधूत का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर परिसर मे इन दोनों के प्रतीकात्मक रूप मे दो विशाल सागवान के खंब खड़े हुए हैं। ग्रामीण इन्हें भगवान श्री कृष्ण और अवधूत के रूप में वर्षों से पूजते आ रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इन खंब के पुराने होने के कारण उन्होंने नए खंब की खोज शुरू की थी।
चिचोली ब्लॉक में मिले ईश्वरीय प्रतीकात्मक वृक्ष | Betul News
देवभिलाई के ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित दो विशाल खंब अत्यंत प्राचीन हो गए हैं। इनके स्थान पर प्रतीकात्मक रूप से दो नए खंब स्थापित करना है। ग्रामीणों ने ऐसे वृक्षों की खोज प्रारंभ की। ग्रामीणों ने बताया कि इस प्रकार के दो विशाल सागवान के वृक्ष चिचोली ब्लाक के चिरापाटला के सुकलढाना के किसान भैयालाल एवं लक्ष्मण पांसे के खेत में मिले।
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देवभिलाई के ग्रामीण इन दोनों किसानों से अनुमति लेकर इन दोनों सागवान के वृक्षों की परंपरा अनुसार पूजा पाठ कर इन्हें उखाड़ कर एक बड़े ट्राले पर रखकर भजन कीर्तन करते हुए देव भिलाई गांव की तरफ जा रहे हैं। पदयात्रा कर रहे ग्रामीणों के मुताबिक इन पेड़ों के परिवहन के लिए उन्होंने संबंधित विभाग से भी अनुमति ली है।
कौतूहल का विषय बनी अनूठी पदयात्रा | Betul News
गुरुवार शाम को एक बड़े ट्राले पर दो सागवान के वृक्षों को रखकर उसके पीछे पीछे नाचते गाते चल रही ग्रामीण भक्तों की पदयात्रा नगर के लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी। इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए जय स्तंभ चौक पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कुछ लोगों ने श्री कृष्ण और अवधूत स्वरूप इन वृक्षों का पूजन भी किया।
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भजन-कीर्तन करते चल रहे ग्रामीण | Betul News
बैतूल इंदौर नेशनल हाईवे से गुजरते हुए इस पदयात्रा में भजन कीर्तन करते हुए शामिल रहे और ट्राले में रखे प्रतीकात्मक देव स्वरूप वृक्षों का विशेष पूजन अर्चन किया। ग्रामीणों ने बताया कि इन विशाल वृक्षों को दो माह तक विशेष प्रक्रिया से तैयार किया जाएगा और एक विशेष तिथि को मंदिर परिसर मे विधि विधान से इनकी स्थापना की जाएगी।
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