घटना स्थल पर हुई मौत, बिजली कंपनी की सामने आई लापरवाही
चिचोली। बिजली कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियो की जितना रूचि बिजली बिल वसूलने में होती है उतनी सुरक्षा मुहैया कराने के नाम पर नहीं होती है। यही वजह है कि आए दिन हादसे घटित होते रहते हैं जिनमें जान-माल का खतरा भी होते रहता है। ऐसे ही एक मामले में मेढ़ पर फैले कनेक्शन के करंट से एक 35 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौके पर ही मौत हो गई। शव का पोस्ट मार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
खेत में काम कर रहा था युवक

परिजनों ने बताया कि चिचोली थाना क्षेत्र के झापल गांव में 35 वर्षीय युवक फूलेसिंग बारस्कर स्थानीय किसान के खेत पर काम करता था। आज सुबह जब वह खेत में काम करने गया तो मेढ़ पर फैले बिजली कनेक्शन के तार की चपेट में आने से उसे करंट लग गया। करंट इतना तेज था कि फूलेसिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिचोली लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने परीक्षण उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया और इसकी सूचना पुलिस थाने में दी। इसके बाद पुलिस ने मृतक का पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।

पुलिस कर रही जांच
चिचोली टीआई हरिओम पटेल ने बताया कि अस्पताल से सूचना मिली थी कि फूलेसिंग बारस्कर नामक युवक की करंट लगने से मौत हुई है। इस मामले को लेकर पुलिस की टीम घटना स्थल पर जांच के लिए गई है। जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि किस किसान के खेत की मेढ़ पर करंट फैला था और कनेक्शन किसका था? इस मामले में अगर किसी की लापरवाही जांच के दौरान सामने आती है तो उस पर मामला दर्ज किया जाएगा।
बिजली कंपनी कराएगी जांच
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी उत्तर संभाग के उपमहाप्रबंधक अभय गोप से सांध्य दैनिक बैतूलवाणी ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है। जब उन्हें पूरी घटना की विस्तृत जानकारी दी गई तो उन्होंने संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों से जांच करवाने की बात कही। श्री गोप ने बताया कि अगर इसमें किसी तरह की लापरवाही सामने आती है तो कार्यवाही की जाएगी।
घटना से उठे सवाल
बिजली कंपनी की लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कहीं अवैध कनेक्शन तो कहीं बिजली के तार जमीन पर झूलते नजर आते हैं। झापल गांव में खेत की मेढ़ पर बिजली कनेक्शन के तार फैले होने के इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि जिस किसान ने कनेक्शन लिया था उसने पोल क्यों नहीं लगाए? अगर पोल नहीं लगे थे तो उस क्षेत्र के लाइनमेन, जूनियर इंजीनियर, अस्सिटेंट इंजीनियर ने निरीक्षण के दौरान कार्यवाही क्यों नहीं की? वहीं दूसरा सवाल यह भी खड़ा होता है कि यह कनेक्शन अवैध तो नहीं था? और अगर अवैध था तो इसमें किसकी लापरवाही है? यह बिंदु जांच का विषय है। और अगर लापरवाही सामने आती है तो बिजली कंपनी क्या कार्यवाही करेगी यह आने वाले समय में तय होगा?
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