भाजपाई दिखे कांग्रेस के पूर्व जनप्रतिनिधि के आजू-बाजू घूमते
बैतूल। पिछले लंबे समय से लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है। इस वर्ष भी यह आयोजन भारी भीड़ के बीच संपन्न हुआ। चूंकि स्टेडियम में शहर के बीचों बीच है इसलिए यहां आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में पूरे शहर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन प्रशासन की व्यवस्था के चलते यहां कोई भी बड़ी घटना नहीं होती है। इस बार के कार्यक्रम में कई ऐसे वाक्ये घटित हुए जो जिले के राजनैतिक हल्को में चर्चा का विषय बन गए।
दिग्गज जनप्रतिनिधियों को नहीं मिली थी कुर्सी
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिले के कई बड़े जनप्रतिनिधि रावण दहन कार्यक्रम में पहुंचे। इनके पहुंचने के लगभग 1 घंटे पहले ही मंच पर कई समितियों का सम्मान और अन्य आयोजन पूरे हो गए थे और कुछ चल रहे थे। तब तक वीआईपी गैलरी में सभी सोफे भर चुके थे। लेकिन कांग्रेस के पूर्व जनप्रतिनिधि लगभग पौन घंटे पहले ही कार्यक्रम में पहुंचकर सबसे सामने के सोफे पर बैठ चुके थे। लेकिन जब सत्तारूढ़ पार्टी के जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्हें बैठने के लिए कोई स्थान नहीं दिखाई दिया। कुछ देर वो खड़े रहे, बाद में प्लास्टिक की सफेद कुर्सियां बुलवाकर लगवाई गई और वे उस पर बैठते उसके पहले ही आयोजकों ने उन्हें मंच पर बुला लिया। एक सोफे पर बैठी कुछ बुजुर्ग महिलाओं को भी उठाने का प्रयास किया लेकिन वो नहीं उठी। बाद में जनप्रतिनिधियों के लिए सोफे बुलवाए गए तब रावण जलने का कार्यक्रम शुरू हो गया था।
भाजपाई दिखे कांग्रेस के पूर्व जनप्रतिनिधि के ईद-गिर्द
कांग्रेस के पूर्व जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में बहुत पहले ही पहुंच गए थे। कुछ देर बाद भाजपा के एक छोटे जनप्रतिनिधि अपने समर्थकों के साथ कार्यक्रम में पहुंचे। उस समय वीआईपी गैलरी में ज्यादा भीड़ नहीं थी तो उन्होंने आकर कांग्रेस नेता के चरण लिए। वहां उपस्थित लोग चुटकी लेते हुए दिखाई दिए कि पिछले विधानसभा के चुनावों में जिन लोगों ने कांग्रेस नेता जो सहयोग लिया था उस कर्ज चुका रहे थे। यहां लोग यह भी कह रहे थे कि यदि भाजपा के फायर ब्रांड नेता हेमंत खण्डेलवाल इस कार्यक्रम में उपस्थित रहते तो ये सभी भाजपाई कांग्रेस के इस नेता से कोसों दूर दिखाई देते।
प्रदेश अध्यक्ष को मंच से किया आमंत्रित
बैतूल विधायक एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल दो दिन पहले ही बैतूल से भोपाल रवाना हो गए थे जहां उन्हें रावण दहन के एक बड़े कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था और वे शामिल भी हुए। लेकिन स्टेडियम में हुए रावण दहन के कार्यक्रम में मंच संचालन कर रहे एक कार्यकर्ता ने मंच पर बुलाने के लिए अपने हाथ में पकड़ी लिस्ट में पढ़कर नाम बुलाना शुरू किया। तो उन्होंने यह भी कह दिया कि श्री हेमंत खण्डेलवाल प्रदेश अध्यक्ष यदि ग्राऊंड पर आ गए हो तो मंच पर आने का कष्ट करें। जबकि सभी को मालूम है कि श्री खण्डेलवाल का कार्यक्रम सबको पहले से ही प्राप्त हो जाता है। जिस तरीके से उनका नाम लिया गया यह उनके पद और सम्मान की गरिमा से मेल नहीं खाता है।

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