Thursday , 20 February 2025
Home Uncategorized Bhagwat: तपश्री आश्रम में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ 21 से
Uncategorized

Bhagwat: तपश्री आश्रम में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ 21 से

तपश्री आश्रम में श्रीमद् भागवत

Bhagwat: चिचोली। तहसील मुख्यालय के सोनपुर में प्रसिद्ध संत श्री तपश्री बाबा के आश्रम में धार्मिक अनुष्ठान के तहत श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ-सप्ताह का आयोजन आगामी 21 फरवरी दिन शुक्रवार से 27 फरवरी दिन गुरुवार तक किया जा रहा है इसमें प्रतिदिन दोपहर 1:00 से 4:00 तक श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन होगा।


वीरान था क्षेत्र


आचार्य पंडित नरेंद्र कृष्ण शास्त्री इटारसी वाले के मुखारविंद से संगीत में श्रीमद् भागवत कथा का एक सप्ताह तक वाचन किया जाएगा। आयोजन समिति ने सभी धर्म प्रेमी जन समुदाय से सपरिवार कथा मे उपस्थित होने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि चिचोली के निकट सोनपुर में क्षेत्र के प्रसिद्ध संत श्री तपश्री बाबा का आश्रम है, जहां कभी बाबा ने वर्षों तक रह कर इस वीरान पड़े क्षेत्र को अपने पूण्य कर्मों से आबाद कर दिया था।


शिवरात्रि पर पहुंचते हैं श्रद्धालु


श्री तपश्री बाबा को मनाने वाले अनुयायियों के अनुसार श्रीतपश्री आश्रम झापल में तप करने के बाद बाबा ने चिचोली के निकट वीरान पड़े सोनपुर में अपना आश्रम स्थापित किया। मान्यता है कि संत के कदम पड़ते ही वीरान सोनपुर में पुन: एक बार मानवीय चहल पहल आबाद हो गई। चिचोली के निकट श्रीतपश्री आश्रम में आज भी महाशिव रात्रि पर बाबा के अनुयायियों का जन सैलाब उमड़ता है। चिचोली के निकट सोनपुर में अपना आश्रम स्थापित करने से पूर्व आध्यात्मिक संत श्री तपश्री बाबा ने वर्षों तक झापल ग्राम के निकट- दुर्गम वन क्षेत्र में आश्रम बनाकर कठोर साधना की थी। श्री तप श्री बाबा ने जिस स्थान पर अपना आश्रम बनाया था।


कपिल मुनि ने किया था तप


इस आश्रम के निकट से सात नादियों के उदृगम स्थल के साथ ही यह स्थान पहाड़ों और सागौन सहित अन्य प्रजाति के वृक्षों से आज भी सराबोर है।सागौन के वनों से अच्छादित इस आश्रम के निकट सात नदियों का उदृगम स्थल है। इस धार्मिक स्थान का वृतांत सदियों से ही नहीं इससे भी आगे युगों में भी वर्णित है। इस स्थान के बारे में कहा जाता है कि इस दुर्गम स्थल पर कभी कपिल मुनि ने भी तप किया था। मान्यता है कि, इस तपोभूमि पर तपस्या मे लीन कपिल मुनि से अपने चिमटे की चोट से पहाड़ के शिखर पर पानी के कुंड को प्रकट किया था। इस स्थान पर आज भी यह कुंड विद्धध्मान है जिसमे भीषण गर्मी में भी निर्मल और स्वच्छ जल भरा रहता है। कालान्तर में यहाँ प्रसिद्ध संत श्रीतपश्री बाबा ने भी तप कर सिद्धियां प्राप्त की थी। कहते है कि संत के तप के प्रभाव से इस प्राकृतिक और दुर्गम स्थान पर विचरण करने वाले हिंसक प्राणी भी अपनी हिंसक प्रवृति छोडक़र समान्य हो जाते थे। श्रीतपश्री बाबा ने इस सात नदियों के स्थान पर वर्षों तक कठोर साधना की। इस स्थान से निकलने वाली सात नदियों में काजल, गंजाल, मोहरण, भाजी और चामील, खांडू, गागुल शामिल है जो अपने कलकल प्रवाह से इस क्षेत्र के जीवन को अनगिनत वर्षों से पल्लवित करते चली आ रही है।

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Oath: कल मां को दी अंतिम विदाई, आज मंत्री पद की ली शपथ

Oath: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद रेखा गुप्ता...

Worried: ठेकेदार ने अधूरी छोड़ दी नलजल योजना

अम्बाड़ा पंचायत में पानी के लिए परेशान हो रहे ग्रामीण Worried: आठनेर।...

Fine: कलेक्टर ने 5 अधिकारियों पर लगाया 13 हजार रु. जुर्माना

राजस्व प्रकरणों का निराकरण नहीं करने पर की कार्रवाई Fine: बैतूल। बैतूल...

Arrested: अफीम की खेती करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

Arrested: बैतूल। पुलिसने सारणी क्षेत्र के ग्राम धसेड़ में एक खेत में...