Big question: भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में वल्लभ भवन में बड़ा सवाल यही है कि उन्हें एक्सटेंशन मिलेगा या फिर नए चेहरे को मुख्य सचिव बनाने का फैसला होगा। गौरतलब है कि जैन से पहले के दो मुख्य सचिवों को एक्सटेंशन मिल चुका है।
एक्सटेंशन मिलने के कारण
अगर अनुराग जैन को सेवा विस्तार मिलता है, तो इसके पीछे ये प्रमुख कारण होंगे:
- केंद्र से अच्छे संबंध – दिल्ली दरबार में उनकी मजबूत पकड़।
- वित्त प्रबंधन में दक्षता – प्रदेश की आर्थिक नीतियों और बजट नियंत्रण में अहम भूमिका।
- बड़े आयोजनों का अनुभव – ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और नई औद्योगिक नीतियों को दिशा देने में योगदान।
नए चेहरों की दावेदारी
अगर अनुराग जैन को एक्सटेंशन नहीं मिलता है, तो कई वरिष्ठ IAS अफसर रेस में हैं:
- डॉ. राजेश राजौरा (1988 बैच) – वर्तमान में अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन। वरिष्ठता में सबसे आगे। पहले मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं और उज्जैन संभाग के प्रभारी भी हैं।
- अशोक बर्णवाल (1989 बैच) – अपर मुख्य सचिव, वन व पर्यावरण। छवि तेजतर्रार और निर्विवादित।
- अलका उपाध्याय (1990 बैच) – फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ। पिछले दो महीनों से मध्य प्रदेश के दौरों में सक्रियता बढ़ाई है। महिला अधिकारी होने के नाते उनका नाम भी चर्चा में।
संभावनाएं क्या कहती हैं?
- वरिष्ठता के लिहाज से डॉ. राजौरा सबसे प्रबल दावेदार हैं।
- अगर राजनीतिक नेतृत्व तेजतर्रार और साफ-सुथरी छवि को तवज्जो देता है, तो अशोक बर्णवाल की संभावना भी मजबूत है।
- वहीं, अगर राज्य सरकार महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहती है, तो अलका उपाध्याय भी एक सरप्राइज नाम हो सकती हैं।
नतीजा क्या होगा?
पिछले कुछ सालों से परंपरा यही रही है कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को एक्सटेंशन मिलता रहा है। ऐसे में संभावना है कि अनुराग जैन को भी सेवा विस्तार मिल जाए। हालांकि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह राजेश राजौरा बनाम अशोक बर्णवाल बनाम अलका उपाध्याय की त्रिकोणीय जंग होगी।
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