Biofuel scheme: मध्यप्रदेश सरकार की “बॉयो फ्यूल योजना-2025” सतत विकास, हरित ऊर्जा और रोजगार सृजन की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरमेंट” (LiFE) अभियान के अनुरूप बताया है, जो पर्यावरण संतुलन और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता देता है।
योजना के प्रमुख बिंदु
1. हरित ऊर्जा और रोजगार सृजन
- इस योजना से बॉयो फ्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, बॉयो ऊर्जा संयंत्र और फीड स्टॉक उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- कृषि और जैव अपशिष्ट का प्रभावी उपयोग कर पर्यावरण अनुकूल ईंधन का उत्पादन होगा।
2. बॉयो फ्यूल संयंत्रों के लिए भूमि आवंटन और रियायतें
- बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्र स्थापना के लिए भूमि आवंटन किया जाएगा।
- निवेश प्रोत्साहन, आधारभूत संरचना विकास में सहायता और कर रियायतें दी जाएंगी।
- विद्युत शुल्क में छूट और उद्यमियों को बुनियादी निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- यह योजना किसानों की अतिरिक्त आय और औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करेगी।
3. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश आकर्षण
- भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इस योजना को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा।
- इस समिट में देश-विदेश के निवेशकों और नीति-निर्माताओं को आमंत्रित किया जाएगा।
- बॉयो फ्यूल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
4. सप्लाई चेन और किसानों के लिए विशेष लाभ
- योजना में बॉयो सीएनजी, बॉयो मास ब्रिकेट एवं पेलेट, बॉयोडीजल जैसे ईंधन शामिल होंगे।
- किसानों को कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी और बॉयो मास व खाद की बिक्री सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।
- बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए सरकारी भूमि को कलेक्टर दर के 10% वार्षिक शुल्क पर उपलब्ध कराया जाएगा।
5. बुनियादी निवेश प्रोत्साहन (BIPA) और औद्योगिक सुविधाएं
- बॉयो फ्यूल यूनिट को 200 करोड़ रुपये तक का बुनियादी निवेश प्रोत्साहन (BIPA) मिलेगा।
- बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, सड़क, अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सुविधाओं के लिए 50% (अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक) अनुदान।
- विद्युत शुल्क और ऊर्जा विकास उपकर में 10 साल तक की छूट।
- 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर अनुकूलित पैकेज और IPR व क्वालिटी कंट्रोल सहायता भी मिलेगी।
मध्यप्रदेश सरकार की यह योजना पर्यावरण अनुकूल ईंधन उत्पादन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। बॉयो फ्यूल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश से प्रदेश ऊर्जा आत्मनिर्भरता और सतत विकास के नए आयाम छू सकेगा।
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