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Black Rice – ब्लैक राइस की खेती करने से किसान हो जाएगें समृद्ध

Black Riceवैसे तो काले चावल के नाम से मशहूर ब्लैक राइस जोकि 500 रूपए किलो तक बिकता है। इस चावल की खेती करते ही किसान हो जाएंगे मालामाल क्योंकि ब्लैक राइस एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट्स है।

इसमें एंटी – कैंसर एजेंट उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा ब्लैक राइस यानी की काले चावल में आयरन, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा मौजूद होता है। केरल में जून के पहले हफ्ते के अंदर मानसून का आगमन हो जाएगा।

अधिक कमाई के लिए करे ब्लैक राइस की खेती | Black Rice

इसके बाद किसान धान की खेती में लग जाएंगे। हालांकि, कई राज्यों में किसानों ने धान की नर्सरी तैयार करनी आरंभ कर दी है। सभी राज्यों में किसान अलग-अलग किस्म के धान की नर्सरी आरंभ कर रहे हैं।

अगर किसान भाईयों को कम लागत में अधिक कमाई करनी है, तो ब्लैक राइस की खेती कर सकते हैं। ब्लैक राइस को काला चावल या काला धान के नाम से भी जाना जाता है। इस चावल की कीमत बासमती चावल से भी बहुत ज्यादा होती है।

अगर किसान भाई एक हेक्टेयर में ब्लैक राइस की खेती का उत्पादन करता है तो वह लाखों रुपये की इनकम प्राप्त कर सकता है। ऐसे में इन दिनों बाजार में ब्लैक राइस की मांग काफी ज्यादा हद तक बढ़ गई है।

ब्लैक राइस को पकाने पर राइस का कलर बदल जाता

ब्लैक राइस एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट्स है। इसमें एंटी – कैंसर एजेंट पाए जाते हैं। इसके अलावा ब्लैक राइस में आयरन, फाइबर और प्रोटीन सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है। ऐसे में अगर आप ब्लैक राइस का सेवन करते हैं, तो अंदर से फिट और तंदरुस्त रहेंगे।

इसकी खेती सबसे ज्यादा उत्तर और पूर्व में होती है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा इन राज्यों में भी किसान इसकी खेती कर रहे हैं। खास बात यह है कि ब्लैक राइस को पकाने के बाद इसका रंग बदल जाता है। इसलिए इसे नीला चावल भी कहा जाता है।

ब्लैक राइस की खेती सबसे पहले मणिपुर और असम में हुई थी | Black Rice

बाली के दाने लंबे-लंबे होते है ब्लैक राइस की खेती की शुरुआत सबसे पहले चीन में शुरू की गई थी। इसके बाद ये भारत में आया। भारत में सबसे पहले इसकी खेती की शुरुआत मणिपुर और असम में हुई थी।

इसकी खेती भी सामान्य धान की तरह ही की जाती है। काले चावल की फसल 100 से 110 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसके पौधे की लंबाई समान्य धान की तरह ही होती है। लेकिन, इसके बाली के दाने लंबे-लंबे होते हैं। यही कारण है कि ब्लैक राइस की लंबाई सबसे अधिक होती है।

ब्लैक राइस की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद रहेगा

अगर किसान भाई ब्लैक राइस की खेती शुरू करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं। आमतौर पर चावल की कीमत की शुरुआत 30 रुपये प्रति किलो से शुरू होती है, लेकिन जो 150 रुपये किलो तक जाती है। ब्लैक राइस की कीमत की शुरुआत ही 250 रुपये किलो से होती है।

इसका चावल का अधिकम रेट 500 रुपये किलो तक जा सकता है। खास बात यह है कि इसकी खेती करने पर कई राज्यों में सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। ऐसे में हम कह सकते हैं, कि ब्लैक राइस की खेती करना किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

Source – Internet

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