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digital payment – लोग एटीएम को छोड़ अब डिजिटल पेमेंट करने की ओर हो रहे आकर्षित

digital paymentदेश में लोगों का अब एटीएम जाना कम हो गया है। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसकी जगह डिजिटल भुगतान करने में बहुत ज्यादा रूचि ले रहे है। वहीं यूपीआई लेनदेन का तो मानो सैलाब ही आ गया है।

लोगों को यूपीआई जैसा डिजीटल पेमेंट का वरदान मिला | digital payment

सन् 2016 में जब देश ने नोटबंदी का सामना किया, तब एटीएम मशीनों के बाहर लगी लंबी – लंबी कतारों ने सबका ध्यान यूपीआई से लेन देन यानी की ऑनलाईन भुगतान करने वाले एक की ओर आकर्षित कर लिया और।

उसी समय देश को ऑनलाईन भुगतान के ये एप भीम एप के रूप में यूपीआई जैसा डिजिटल पेमेंट का ‘वरदान मिला, और आज 8 साल बाद इसी यूपीआई ने एटीएम को ही ‘खत्म करने की स्थिति ला खड़ा कर दिया है। सन् 2016 की नोटबंदी के बाद से भारत में डिजिटल पेमेंट को एक ‘बिग बूस्टÓ मिला है।

इसे लेकर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक प्रतिवेदन में कहा गया है कि एटीएम जाने वालों की संख्या बीते 8 साल में तेजी से गिरते जा रही है। वहीं यूपीआई के द्वारा लेन – देन से होने वाले ट्रांजेक्शंस का सैलाब आया हुआ है। लोगों का एटीएम जाना हुआ 50 प्रतिशत तक कम हो गया है।

जिसकी संख्या जानकर आप दंग रह जाएगें

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की अर्थव्यवस्था और शोधकर्ता का प्रतिवेदन सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नवीनतम एडिशन में कहा गया है कि अप्रैल 2016 में एक भारतीय औसतन साल में 16 बार एटीएम जाया करता था। जबकि अप्रैल 2023 में आकर ये आंकड़ा महज 8 बार रह गया है।

इस बीच में देश के अंदर यूपीआई से होने वाले लेनदेन में काफी तेजी से बढ़ा है, जिसके आंकड़े जानकर आपकी आंखे खुली की खुली रह जाएंगी।

यूपीआई ट्रांजेक्शन का आया सैलाब | digital payment

देश में वित्त वर्ष 2016 से 17 लेकर 2022 – 23 के बीच यूपीआई लेनदेन में एक ‘सैलाबÓ बन गया। उस समय में यूपीआई से होने वाले लेनदेन की संख्या महज 1.8 करोड़ थी, ये आज की तारीख में बढ़कर 8,375 हो चुकी है। देश में होने वाले कुल डिजिटल लेनदेन का अब 73 प्रतिशत सिर्फ यूपीआई से होता है।
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इतना ही नहीं यूपीआई से तब तक सिर्फ 6,947 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। आज तक इसका आंकड़ा 139 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। ये यूपीआई से होने वाले लेनदेन में 2004 गुना की बढ़ोतरी है।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शोधकर्ता में ये बात भी सामने आई है कि अगर यूपीआई लेनदेन में 1 रुपये की बढ़ोतरी होती है, तो इसका सीधा भुगतान कार्ड से होने वाले लेनदेन पर असर पड़ता है और उसमें 18 पैसे की कमी आती है।

Source – Internet

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