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Earthworm Farming – केंचुए पालन का उद्योग करने से किसानों के व्यवसाय में बड़ा लाभ होगा

Earthworm Farmingकेंचुआ पालन के उद्योग करने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनका उद्योग में भी बढ़ोत्तरी होगी। केंचुए का पालन करना बहुत ही आसान होता है। वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की पद्धति को ही केंचुआ पालन कहा जाता है।

सबसे पहले विदेशों में केंचुआ पालन का उद्योग की शुरूआत की गई थी। जो कि आज सम्पूर्ण विश्व में किसानों द्वारा यह उद्योग को बढ़ावा दे रहे है। इस उद्योग से किसानों को इसमें बंपर फायदा भी हो रहा है।

किसान केंचुए खरीदकर उसकी खाद तैयार कर रहे है | Earthworm Farming

रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरक शक्ति कमजोर हो गई है। खास कर अंधाधुंध रासायनों के इस्तेमाल से मिट्टी में प्राकृतिक रूप से मौजूद केंचुए और अन्य पोषक जीवाणु जो की मर गए हो।

ऐसे में पैदावार पर भी असर पड़ा है। लेकिन, अब किसान केंचुए खरीद कर अपने खेतों में डाल रहे हैं, ताकि मिट्टी पहले की तरह ही प्राकृतिक रूप से उर्वर हो जाए और फसल की उपज क्षमता बढ़ जाए।

यही कारण है कि अब लोग केंचुआ पालन का उद्योग करने में ज्यादा उत्साह दिखा रहे हैं। इससे केंचुआ पालकों की आमदनी भी अच्छी हो रही है।

आज मालूम करते हैं केंचुआ पालन का सही तरीका

दरअसल, केंचुआ मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ा देता है। यह खेत में फसलों के लिए जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जाता है। केंचुआ खेत में लगातार उपर- नीचे होते रहता है।

इससे मिट्टी में कई छिद्र बन जाती है, जिससे हवा और बारिश के मौसम का पानी जमीन की निचली सतह तक असानी से चला जाता है। एक वाक्य में बता दे की मिट्टी में पानी धारण करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसी के चलते केंचुआ को किसानों का दोस्त भी कहा गया है।

इस प्रकार से शुरू करें केंचुए पालन का उद्योग | Earthworm Farming

केंचुए का पालन करना बहुत ही आसान काम है। वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की विधि को ही केंचुआ पालन कहा जाता है। सबसे पहले विदेशों में केंचुआ पालन के इस उद्योग को शुरू किया गया था।

बाद में 1970 के दशक में यूरोप और अमेरिका में मछली के खाने के लिए केंचुए का इस्तेमाल किए जाने लगा। इससे केंचुआ पालन का उद्योग विकसित हुआ। हालांकि, भारत में अब राज्य सरकारें जैविक खेती को अधिक महत्व दे रही हैं।

बिहार में तो सरकार जैविक खेती गलियारे बना रही है। ऐसे में केंचुए की मांग बहुत ज्यादा हद तक बढ़ रही है। यही कारण है कि अब तक भारत में केंचुआ पालन उद्योग का रूप ले रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से मदद भी दी जा रही है।

ऐसे करें केंचुए का पालन

अगर आप केंचुआ पालन का उद्योग शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपकों छायादार जगह का चुनाव करना होगा, जहां पर धूप की पहुंच न के बराबर हो। उस जगह पर आप एक चौकोर बड़ा सा गड्ढा खोदें।

उस गड्ढे में गोबर, मिट्टी, सड़ी – गली पत्तियां, सब्जी और फलों के छिलके डाल कर मिला दें। फिर उस गड्ढे में एपीजी एवं एनीसिक वर्ग के 50-60 केंचुए डाल दें और पुआल से ढक दें। बीच-बीच में पानी को डालते रहें।

तीन से चार हफ्ते के बाद आप देखेंगे कि वर्मी कंपोस्ट में केंचुओं की संख्या बढ़ कर एक हजार से ज्यादा हो गई। इसके बाद इसे आप बाजार ले जाकर बेच सकते हैं, जिससे आपके आदनी में भी अच्छी वृद्धि होगी।

50 हजार से अधिक की होगी कमाई | Earthworm Farming

अभी बाजार में 600 केंचुए की कीमत 5 हजार रुपये हैं। अगर आप 2 हजार वर्ग फीट में केंचुआ के उद्योग की शुरूआत करते है तो इससे आप 8 हजार के करीब केंचुए प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह आप 8 हजार केंचुए बेचकर 50 हजार से अधिक की कमाई कर सकते हैं।

Source – Internet

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