Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना लगातार आठवां केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगी। इस बजट से कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है, जो देश की आर्थिक स्थिति, सरकारी नीतियों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं।
संभावित प्रमुख घोषणाएं:
- महंगाई और कर राहत:
- ईंधन की कीमतों में कमी: उद्योग संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में कटौती की सिफारिश की है, जिससे ईंधन की कीमतों में कमी आ सकती है।
- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पुर्जों पर आयात शुल्क में कमी की संभावना है, जिससे मोबाइल जैसे उत्पाद सस्ते हो सकते हैं।
- सोना-चांदी: सोने और चांदी पर आयात शुल्क बढ़ाया जा सकता है, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं।
- आयकर में बदलाव:
- नया कर ढांचा: नए कर प्रणाली के तहत 10 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर-मुक्त किया जा सकता है।
- कर स्लैब में संशोधन: 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये की आय पर 25% का नया कर स्लैब लाया जा सकता है।
- बेसिक छूट सीमा: बेसिक छूट सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है।
- कृषि और ग्रामीण विकास:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: इस योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 12,000 रुपये किया जा सकता है।
- आयुष्मान भारत योजना: इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है, जिससे अधिक लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
- अटल पेंशन योजना: पेंशन राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जा सकता है।
- रोजगार सृजन:
- एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति: विभिन्न मंत्रालयों की रोजगार योजनाओं को एकीकृत करने के लिए नई नीति लाई जा सकती है।
- ग्रामीण इंटर्नशिप प्रोग्राम: ग्रामीण क्षेत्रों के स्नातक युवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है।
- अंतर्राष्ट्रीय रोजगार प्राधिकरण: विदेशों में नौकरी के अवसर बढ़ाने के लिए एक नई प्राधिकरण की स्थापना की जा सकती है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार:
- स्वास्थ्य बजट में वृद्धि: स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में लगभग 10% की वृद्धि की जा सकती है।
- चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क में कमी: MRI जैसे उपकरणों पर आयात शुल्क कम किया जा सकता है, जिससे चिकित्सा जांच सस्ती हो सकती है।
- मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाना: अगले 5 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा जा सकता है।
- आवास क्षेत्र में प्रोत्साहन:
- सस्ते घरों की कीमत सीमा बढ़ाना: मेट्रो शहरों में सस्ते घरों की कीमत सीमा 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 70 लाख रुपये की जा सकती है।
- होम लोन ब्याज पर कर छूट: होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली कर छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है।
इन संभावित घोषणाओं का उद्देश्य देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर सृजित करना और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है। हालांकि, वास्तविक घोषणाएं बजट प्रस्तुत होने के बाद ही स्पष्ट होंगी।
source internet… साभार….
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