सिंचाई करने नहीं मिल पा रहा लंबे समय तक पानी

Campaign: बैतूल। पिछले कई अंकों में सांध्य दैनिक बैतूलवाणी द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र खमालपुर की बिजली समस्या को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया जा रहा है ताकि आदिवासियों को खेती के लिए पर्याप्त बिजली मिल सके। और आदिवासी किसान खेती को कम आय में लाभ का व्यवसाय बना सके। इन्हीं खबरों को संज्ञान में लेते हुए क्षेत्रीय विधायक श्रीमती गंगा बाई उइके ने पहल करते हुए ऊर्जा मंत्री को क्षेत्र में विद्युतीकरण करने के लिए पत्र भी लिखा है। इसी क्षेत्र में एक समस्या और सामने दिखाई दे रही है जिसके हल होने के बाद क्षेत्र के तीन गांव के किसानों को सिंचाई के लिए अधिक समय तक पानी मिल सकेगा।
पहले मिलता था स्टापडेम का लाभ
घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के चिखली आमढाना ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम खमालपुर के पास पूर्व में एक स्टाप डेम बनाया गया था जिसमें क्षेत्र की सबसे बड़ी पहाड़ी नदी का पानी आकर जमा होता था। इस पानी की वजह से क्षेत्र के आदिवासी किसान अप्रैल महीने तक सिंचाई कर फसल ले लेते थे। लेकिन यह स्टाप डेम भी लंबे समय से क्षतिग्रस्त है जिससे बारिश का पानी व्यर्थ बह जाता है। अगर इस स्टाप डेम की मरम्मत कर दी जाए तो भी क्षेत्र के आदिवासी किसानों को इसका लाभ पूर्व की भांति मिलना प्रारंभ हो सकेगा।
तीन गांव के किसान है प्रभावित
यह पहाड़ी नदी हनुमान डोल से रानीपुर के मध्य सात बार सडक़ को पार करती है। और इस नदी का सबसे बड़ा पाट खमालपुर ग्राम से लगकर है। इस नदी पर बने स्टाप डेम से खमालपुर, बागदेव और रैय्यतवाड़ी के कई किसान अपनी कृषि भूमि पर उपज के लिए पानी का उपयोग करते थे। और स्टाप डेम में जमा पानी इन्हें खेती के लिए पर्याप्त होता था। लेकिन स्टाप डेम क्षतिग्रस्त होने के बाद से पानी फरवरी माह में ही खत्म हो जाता है। और इसके चलते किसानों की उपज के उत्पादन में भी कमी आ गई है।
विधायक निधि से हो सकती है मरम्मत
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के जुझारू विधायक श्रीमती गंगाबाई विधायक निधि से स्टाप डेम की मरम्मत के लिए सहयोग प्रदान कर सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो किसानों की बड़ी समस्या का निराकरण हो सकता है। इस संबंध में ग्राम के किसान लोनिया आदिवासी ने बैतूलवाणी को बताया कि वे और अन्य किसान साथी लंबे समय से स्टाप डेम की मरम्मत के लिए प्रयास करते रहे हैं। लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र में विद्युतीकरण हो जाए तो किसानों को स्टाप डेम से पानी लेने में भी आसानी हो जाएगी। और डीजल पंप का उपयोग करने से बच जाएंगे।
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