Campaign: नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से विश्व के प्रथम ऐतिहासिक त्रि-सेना महिला जलयात्रा अभियान “समुद्र प्रदक्षिणा” को वर्चुअल माध्यम से रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने इसे नारी शक्ति, आत्मनिर्भर भारत, सैन्य कूटनीति और वैश्विक विजन का प्रतीक बताया।
26,000 समुद्री मील की यात्रा
इस अभियान में तीनों सेनाओं की 10 महिला अधिकारी शामिल हैं। वे स्वदेश निर्मित भारतीय सेना नौकायन पोत आईएएसवी त्रिवेणी पर सवार होकर पूर्वी मार्ग से करीब 26,000 समुद्री मील की परिक्रमा करेंगी। यात्रा के दौरान वे—
- भूमध्य रेखा को दो बार पार करेंगी,
- तीन महान अंतरीपों—लीउविन, हॉर्न और गुड होप—का चक्कर लगाएंगी,
- सभी प्रमुख महासागरों व ड्रेक पैसेज जैसे कठिन समुद्री क्षेत्रों से गुजरेंगी।
दल मई 2026 में मुंबई लौटेगा और इस दौरान चार अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर भी ठहरेगा।
नारी शक्ति का संदेश
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह यात्रा केवल समुद्र पर की जाने वाली परिक्रमा नहीं है, बल्कि अनुशासन, साहस और आध्यात्मिक साधना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से दुनिया देखेगी कि भारतीय महिलाओं का पराक्रम किसी भी सीमा से परे है।
पूर्व उपलब्धियों का उल्लेख
रक्षा मंत्री ने हाल ही में आईएनएस तारिणी पर की गई लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए की विश्व परिक्रमा का भी स्मरण किया और विश्वास जताया कि “आईएएसवी त्रिवेणी” भी समुद्री साहसिकता में नया मानक स्थापित करेगी।
त्रि-सेना एकजुटता का उदाहरण
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह अभियान तीनों सेनाओं की सामूहिक शक्ति और एकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने जोड़ा—
“जब सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता की भावना होती है, तो बड़ी से बड़ी चुनौती भी छोटी लगती है।”
साभार…
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