हाईकोर्ट ने केंद्र से 10 दिन में मांगा जवाब
Citizenship:लखनऊ | कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को अहम सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से 10 दिन के भीतर यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं या नहीं। अदालत ने केंद्र की ओर से पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को अपर्याप्त बताते हुए और अधिक स्पष्ट जानकारी देने को कहा है।
राष्ट्रीय महत्व का मामला: हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) सूर्यभान पांडेय से कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं होगी। कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि केंद्र को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी ही होगी।
राहुल की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से कोई वकील उपस्थित नहीं हुआ। अदालत ने केंद्र से यह बताने को कहा कि क्या राहुल गांधी अभी भी भारतीय नागरिक हैं या उन्होंने कभी ब्रिटिश नागरिकता ग्रहण की थी। इस याचिका की अगली सुनवाई अब 5 मई 2025 को होगी।
मामले की पृष्ठभूमि
यह याचिका 1 जुलाई 2024 को भाजपा कार्यकर्ता और कर्नाटक के वकील एस. विग्नेश शिशिर ने दायर की थी। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता छिपाई है और इस आधार पर भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत उनकी नागरिकता रद्द की जानी चाहिए।
दस्तावेजों का हवाला
याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के एक गोपनीय मेल और अन्य दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। इस आधार पर उन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट से राहुल गांधी के चुनाव को अमान्य घोषित करने की मांग की है।
गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया
गृह मंत्रालय ने पहले कोर्ट को बताया था कि इस संबंध में यूके सरकार को पत्र लिखा गया है और वह जवाब का इंतजार कर रहे हैं। मंत्रालय ने 8 सप्ताह का समय मांगा था ताकि एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पेश की जा सके।
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