तापमान 3 डिग्री तक गिर सकता
भोपाल | मध्यप्रदेश में दिसंबर का पहला हफ्ता ठिठुरन भरा रहने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार 5 या 6 दिसंबर से प्रदेश में कड़ाके की ठंड की शुरुआत होगी। नया पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जिससे पहाड़ों पर बर्फबारी बढ़ेगी और उसकी बर्फीली हवाएं एमपी तक पहुंचेंगी। मंगलवार से रात के तापमान में 2–3 डिग्री तक गिरावट के आसार हैं।
नवंबर की रिकॉर्ड तोड़ सर्दी का असर अब दिसंबर तक
नवंबर में ही प्रदेश में अति शीतलहर जैसे हालात बने रहे। भोपाल में लगातार 15 दिनों तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर रहा। नवंबर की सबसे सर्द रात में तापमान 5.2 डिग्री तक पहुंच गया। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री दर्ज हुआ—25 साल का न्यूनतम स्तर।
रविवार–सोमवार की रात में भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 6 जिलों में तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। पचमढ़ी 6.8 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा।
दिन में भी घुली ठंड, कई शहर 23–25 डिग्री पर
सोमवार को अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई। मलाजखंड 23.7 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा। पचमढ़ी, शिवपुरी, सिवनी, बैतूल और नरसिंहपुर में अधिकतम तापमान 24–25 डिग्री के बीच दर्ज हुआ।
5–6 दिसंबर से एमपी में शीतलहर के हालात
सीनियर मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की एक्टिविटी बढ़ने पर:
- रात का तापमान 3 डिग्री तक गिर सकता है
- कई जिलों में कोल्ड वेव चलेगी
- दिसंबर में मावठा (हल्की वर्षा) पड़ने की भी संभावना
किन जिलों में सबसे तेज पड़ेगी ठंड
- ग्वालियर–चंबल के सभी जिले
- उज्जैन संभाग
- भोपाल संभाग के सीहोर–विदिशा
- सागर संभाग के निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना
- रीवा संभाग के मऊगंज, सीधी–सिंगरौली
- जबलपुर संभाग के मंडला–डिंडोरी
- इंदौर संभाग के इंदौर, धार व झाबुआ
इन इलाकों में बर्फीली हवाएं सीधे पहुंचेंगी, इसलिए तापमान में तेज गिरावट होगी।
जनवरी में 20–22 दिन तक चल सकती है कोल्ड वेव
मौसम एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार दिसंबर–जनवरी में लंबे समय तक शीतलहर चलेगी। जनवरी में 20 से 22 दिन कड़ाके की ठंड और कोल्ड-डे की स्थिति बन सकती है।
क्यों पड़ रही है इतनी ठंड?
1. ला नीना सक्रिय
ला नीना के चलते प्रशांत महासागर का तापमान कम हुआ, जिससे हवा और ठंडी होकर दक्षिण एशिया की ओर धकेली गई—नतीजन नवंबर से ही सर्दी ज्यादा।
2. पहाड़ों पर जल्दी बर्फबारी
हिमाचल–उत्तराखंड–कश्मीर में इस साल बर्फबारी जल्दी शुरू हुई, जिससे ठंडी हवाएं मध्य भारत तक तेजी से पहुंची।
3. ठंडी हवाएं 25% ज्यादा अंदर तक घुसीं
इस बार ग्वालियर–चंबल से लेकर भोपाल और सागर जोन तक ठंडी हवाएं 20–25% अधिक गहराई तक पहुंचीं।
4. पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय
विकसित WD से मावठा पड़ता है, जिससे दिन का तापमान भी 4–6 डिग्री गिर जाता है।
दिसंबर में 5 बड़े शहरों का ट्रेंड
- भोपाल: 3.1 डिग्री (1966) का रिकॉर्ड; इस बार भी 3–4 डिग्री तक गिरावट के आसार
- इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर: सभी शहरों में 5–8 डिग्री न्यूनतम तापमान संभव
साभार…
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