Controversy: भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान के जरिए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर उठे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने हाल ही में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर गुटबाजी के आरोप लगाए थे। अब इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश चौधरी ने कमलेश्वर की टिप्पणी को सही सलाह बताया और कहा कि कांग्रेस का मूल काम सामंजस्य बनाना है।
हरीश चौधरी ने कहा कि संगठन सृजन सिर्फ जिलाध्यक्ष की नियुक्ति तक सीमित नहीं है। अब जिला, ब्लॉक, मंडलम और ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यकारिणी बनाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं है, बल्कि प्रक्रिया के तहत संगठन का विस्तार होगा।
प्रदेश प्रभारी ने बड़े नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाने के पीछे की सोच भी स्पष्ट की। उनके अनुसार, “देश के सामने संविधान, लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को बचाने की चुनौती है। इस लड़ाई को जनता के बीच लड़ा जाना है, इसलिए काबिल नेताओं को सीधे मोर्चे पर उतारा गया।”
वहीं, जिलाध्यक्षों के चुनाव लड़ने को लेकर चौधरी ने कहा कि इस पर कोई नीतिगत फैसला नहीं हुआ है।
मोदी सरकार द्वारा जीएसटी रिफॉर्म को बचत का बड़ा अभियान बताए जाने पर उन्होंने कहा कि गलती वर्षों बाद सुधारी गई है, जबकि राहुल गांधी ने पहले ही चेताया था।
वोट चोरी अभियान को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव से निष्पक्षता खत्म हुई है। कांग्रेस अब इसे जनता तक ले जा रही है क्योंकि यह सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई है।
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