भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में नए केस, जीनोम मशीनें धूल खा रहीं, सिर्फ एम्स में मिल रही जांच सुविधा
Corona: भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर चिंता बढ़ा रही है। बीते दो दिनों में प्रदेश में 17 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं, जिनमें से भोपाल में 3, इंदौर में 5 और ग्वालियर में 2 केस शामिल हैं। कुल संक्रमितों की संख्या अब 50 तक पहुंच गई है, जिनमें 36 एक्टिव केस हैं। इस बीच हैरान करने वाली बात यह है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में RT-PCR जांच बंद है।
RT-PCR जांच ठप, रेट तय नहीं
स्वास्थ्य विभाग द्वारा RT-PCR किट की खरीद के लिए रेट तय न होने के कारण सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग पूरी तरह ठप है। साल 2020 में तय की गई दरें 2023 में समाप्त हो चुकी हैं और 2024 में जांच की आवश्यकता न होने से नई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। अब जब केस बढ़ने लगे हैं, मरीजों को निजी लैब में ₹1200 से ₹1500 तक खर्च कर जांच करानी पड़ रही है।
कोरोना की वर्तमान स्थिति (6 जून दोपहर तक)
- कुल केस: 50
- एक्टिव केस: 36
- रिकवर: 13
- मौतें: 1
- नए केस (2 दिन में): 17
- सरकारी सैंपलिंग: नहीं हो रही
- जांच केंद्र: सिर्फ एम्स भोपाल
- सरकारी RT-PCR दर: तय नहीं
- निजी लैब दर: ₹1200–1500
उप मुख्यमंत्री का बयान: जल्द शुरू होगी जांच
उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गुरुवार को हमीदिया अस्पताल में मीडिया से कहा कि राज्य सरकार RT-PCR जांच जल्द शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार केंद्र की एडवाइजरी के अनुरूप पूरी तरह सतर्क है और ऑक्सीजन सहित सभी स्वास्थ्य सेवाएं तैयार हैं।
गले के इन्फेक्शन के मरीज बढ़ रहे
ENT विशेषज्ञ डॉ. यशवीर जे.के. का कहना है कि बारिश से पहले के मौसम में गले में खराश और संक्रमण सामान्य है, लेकिन यह भी कोरोना संक्रमण का शुरुआती लक्षण हो सकता है। उन्होंने समय पर जांच और इलाज की सलाह दी।
जीनोम सीक्वेंसिंग मशीनें बेकार पड़ीं
WHO द्वारा राज्य को दी गई ₹5 करोड़ की जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन का अब तक उपयोग नहीं हो रहा है। सिर्फ भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज और इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में आंशिक रूप से सुविधा चालू है। अन्य मेडिकल कॉलेजों में मशीनें आज तक नहीं पहुंची हैं।
सिर्फ एम्स भोपाल में आरटी-पीसीआर जांच उपलब्ध
कोविड की सटीक जांच केवल एम्स भोपाल में हो रही है। यहां एक डेडिकेटेड कोविड वार्ड, 6 आइसोलेशन बेड, और ICU में वेंटिलेटर सुविधा के साथ एक विशेष टास्क फोर्स भी सक्रिय है।
इंदौर में मिले नए वैरिएंट
पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में कराई गई होल जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में पाए गए सात मरीजों में ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट XFG और LF.7.9 की पुष्टि हुई है।
विशेषज्ञों की चेतावनी: केरल जैसी जांच हो तो आंकड़े बढ़ सकते हैं
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मध्यप्रदेश में भी केरल की तरह लक्षण दिखते ही जांच की जाती, तो संक्रमितों की संख्या कहीं ज्यादा होती। वर्तमान में अनेक वायरल लक्षण वाले मरीजों की जांच ही नहीं हो रही।
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