11 राज्यों में 65 मौतें; JN.1 वैरिएंट बना बड़ी चिंता
Corona: नई दिल्ली / देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। फिलहाल भारत में 6,491 एक्टिव केस हैं, जिनमें अकेले केरल में 1,957, गुजरात में 980, पश्चिम बंगाल में 747 और दिल्ली में 728 केस शामिल हैं।
🔴 मौतों में भी तेजी: 10 दिन में 58 मौतें
जनवरी 2025 से अब तक 11 राज्यों में 65 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें 58 मौतें सिर्फ बीते 10 दिनों में हुई हैं। राहत की बात ये रही कि रविवार को किसी मरीज की मौत नहीं हुई।
⚠️ केंद्र सरकार सतर्क, सभी राज्यों को निर्देश:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को कोरोना प्रबंधन की तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल के आदेश दिए हैं। खास निर्देश दिए गए हैं:
- ऑक्सीजन और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता
- आइसोलेशन बेड और वेंटिलेटर की तैयारी
- कोविड गाइडलाइंस का पालन
- लक्षण दिखने पर अनिवार्य टेस्टिंग
🏥 राज्यवार स्थिति:
🟢 गुजरात
508 एक्टिव केस में से 490 होम आइसोलेशन में।
राज्य सरकार ने कहा— “हम पूरी तरह तैयार हैं, घबराने की जरूरत नहीं।”
🔵 केरल
मास्क पहनना और लक्षण वाले मरीजों की कोविड टेस्टिंग अनिवार्य।
2023 की कोविड गाइडलाइन फिर से लागू।
🟠 महाराष्ट्र
जनवरी से अब तक 1,064 पॉजिटिव केस और 17 मौतें।
16 मृतक पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे।
🟡 कर्नाटक
गुलबर्गा मेडिकल कॉलेज में 25 बेड का कोविड वार्ड, ICU और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अलग बेड।
⚪ उत्तराखंड और हिमाचल
सभी जिलों में ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश।
हिमाचल के सिरमौर में पहला केस मिलने के बाद अस्पतालों में मास्क अनिवार्य।
🟣 सिक्किम
15 पॉजिटिव केस मिले। सभी अस्पतालों में मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य।
🧬 देश में मिले कोरोना के 4 नए वैरिएंट
ICMR के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के चार नए वैरिएंट मिले हैं:
- LF.7
- XFG
- JN.1 (सबसे आम)
- NB.1.8.1
WHO ने इन्हें “वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” की कैटेगरी में रखा है, लेकिन इनसे फिलहाल ज्यादा गंभीर खतरे की आशंका नहीं है।
🧪 JN.1 वैरिएंट: सबसे तेजी से फैलने वाला
- यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 का सबवैरिएंट है
- दिसंबर 2023 में WHO ने इसे “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया
- 30 से ज्यादा म्यूटेशन के कारण यह इम्यूनिटी को कमजोर करता है
- भारत में इस समय 50% से ज्यादा संक्रमण इसी वैरिएंट के कारण हो रहे हैं
लक्षण:
जुकाम, खांसी, बुखार, कमजोरी— कई मामलों में लक्षण हफ्तों तक बने रह सकते हैं।
लॉन्ग कोविड की आशंका वाले मरीजों को विशेष निगरानी में रखा जा रहा है।
🔎 निष्कर्ष:
- कोरोना के नए स्ट्रेन्स तेजी से फैल रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है
- सरकार सतर्क है और हालात पर नजर बनाए हुए है
- लोगों को घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन मास्क पहनना, भीड़ से बचना और समय पर टेस्ट कराना ज़रूरी है
- साभार…
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