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Crisis: भारत की ‘वॉटर स्ट्राइक’: सिंधु जल संधि निलंबित, पाकिस्तान की खेती और अर्थव्यवस्था पर संकट

भारत की 'वॉटर स्ट्राइक': सिंधु जल संधि

Crisis: नई दिल्ली | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया।


🌊 क्या है सिंधु जल संधि?

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि दोनों देशों के बीच जल विभाजन को लेकर ऐतिहासिक समझौता थी:

  • भारत को पूर्वी नदियों — सतलुज, ब्यास और रावी — का पूर्ण उपयोग मिला।
  • पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों — सिंधु, झेलम और चिनाब — का नियंत्रण मिला, भारत को सीमित उपयोग की अनुमति दी गई।

🔥 अब क्या बदलेगा?

▶️ पाकिस्तान पर तत्काल प्रभाव:

  • जल संकट: सिंधु और उसकी सहायक नदियां पाकिस्तान की जल जीवनरेखा हैं। इनके जल प्रवाह पर रोक लगने से कराची, लाहौर, मुल्तान जैसे शहरों की जल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
  • बिजली संकट: सिंधु प्रणाली पर आधारित तरबेला और मंगला जैसे पॉवर प्रोजेक्ट ठप हो सकते हैं।
  • खेती तबाह: पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि सिंधु जल पर निर्भर है। संधि के निलंबन से खाद्य उत्पादन और फूड सिक्योरिटी पर गहरा असर पड़ेगा।

🛠️ भारत के पास क्या विकल्प हैं?

पूर्व सिंधु जल आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना के मुताबिक भारत के पास कई रणनीतिक विकल्प मौजूद हैं:

  • जल प्रवाह डेटा साझा करना बंद करना
  • पश्चिमी नदियों पर स्टोरेज और नए प्रोजेक्ट्स शुरू करना
  • पाकिस्तानी अधिकारियों के निरीक्षण दौरों पर रोक लगाना
  • ‘रेज़रवॉयर फ्लशिंग’ जैसे उपाय जिनसे पाकिस्तान की बुवाई के समय जल उपलब्धता कम हो सकती है

कृषि पर सबसे बड़ा खतरा

  • पाकिस्तान की सिंचाई का 93% हिस्सा इन्हीं नदियों से आता है।
  • भारत द्वारा यदि जल भंडारण और प्रवाह में बदलाव किए गए, तो बुआई के समय सिंचाई पानी की भारी किल्लत हो सकती है।
  • इससे फसलें नष्ट हो सकती हैं, और लाखों लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा।

⚖️ क्या भारत एकतरफा संधि खत्म कर सकता है?

  • संधि में एकतरफा एग्जिट का प्रावधान नहीं है।
  • परंतु वियना कन्वेंशन (Article 62) के तहत, परिस्थितियों के मूलभूत परिवर्तन के आधार पर संधि को अमान्य किया जा सकता है।
  • भारत ने पहले ही संधि की समीक्षा और संशोधन की मांग करते हुए औपचारिक नोटिस भेजा था।

🧭 आगे क्या?

पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन भारत की इस “वॉटर स्ट्राइक” को एक रणनीतिक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो आतंक के खिलाफ गैर-परंपरागत जवाबी कार्रवाई की मिसाल बन सकती है।

साभार… 

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