Fire:नर्मदापुरम | मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी के बीफॉल क्षेत्र में बुधवार शाम एक भीषण जंगल की आग भड़क उठी, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आग के कारण स्थानीय जैव विविधता, वन्यजीवों और पर्यावरण पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
🔥 कैसे लगी आग?
शाम करीब 6 बजे टैक्सी स्टैंड के पास जंगल में आग देखी गई, जो तेज हवाओं और सूखे पत्तों के चलते तेजी से पहाड़ी इलाके की ओर फैलने लगी। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रशासन का मानना है कि यह आग किसी पर्यटक द्वारा फेंकी गई बीड़ी या सिगरेट से लगी हो सकती है। हालांकि, आग के कारणों की जांच जारी है।
🚒 आग बुझाने में आ रही बाधाएं:
- जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके तक नहीं पहुंच पा रहीं।
- स्थानीय गाइड, टैक्सी ड्राइवर और वनकर्मी आग बुझाने के प्रयास में लगे हैं।
- तेज़ हवाओं और सूखी झाड़ियों के कारण आग की लपटें uncontrollable हो गई हैं।
🌳 टूरिज्म और इकोसिस्टम को खतरा:
बीफॉल क्षेत्र गर्मियों में पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। बुधवार को भी यहां भारी भीड़ थी, लेकिन सौभाग्यवश आग पर्यटकों के निकलने के बाद लगी। यदि यह आग कुछ घंटे पहले लगती, तो मानव जीवन को भी खतरा हो सकता था।
जेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि “इस तरह की घटनाएं जागरूकता की कमी और निगरानी में ढिलाई को दर्शाती हैं।”
🌿 वन विभाग की प्रतिक्रिया:
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक संजीव शर्मा ने बताया:
“आग करीब आधा किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। फिलहाल कोई जनहानि नहीं हुई है। हम आग पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।”
🔥 सिंहपुरा के जंगलों में भी आग:
ओरछा के सिंहपुरा बीट क्रमांक 1 में भी बुधवार शाम 4 बजे जंगल में आग लग गई। वन परिक्षेत्राधिकारी आदित्य पुरोहित के अनुसार:
“दुर्गम इलाके के कारण फायर ब्रिगेड वहां नहीं पहुंच सकी। वनकर्मी खुद आग के रास्ते काटने का प्रयास कर रहे हैं। आग पर जल्द ही काबू पाने की कोशिश की जा रही है।”
⚠️ पर्यावरणीय चिंता और अपील:
विशेषज्ञों ने चेताया है कि ऐसी घटनाएं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय असंतुलन को और बढ़ा सकती हैं। स्थानीय प्रशासन और पर्यटकों से सावधानी और जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार की अपील की गई है।
साभार…
Leave a comment