Wednesday , 9 April 2025
Home Uncategorized Dialogue: मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूती देने की कवायद
Uncategorized

Dialogue: मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूती देने की कवायद

मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन को

राहुल गांधी जिलाध्यक्षों से करेंगे सीधा संवाद

Dialogue:भोपाल – लगातार चुनावी हार के बाद कांग्रेस अपने संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी मध्यप्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों से सीधा संवाद करेंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहेंगे। बैठक का उद्देश्य जिलास्तर पर संगठन की वास्तविक स्थिति और राजनीतिक समीकरणों की ग्राउंड रिपोर्ट लेना है।

सीधे जिलाध्यक्षों से संवाद, नया संगठन मॉडल?

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी पहली बार प्रदेश स्तर पर बिना किसी मध्यस्थता के सीधे जिलाध्यक्षों से संवाद करेंगे। इस पहल के पीछे उद्देश्य यह है कि पार्टी के हाईकमान को संगठन की जमीनी हकीकत का सीधा फीडबैक मिले। इससे जिलाध्यक्षों की ताकत बढ़ सकती है, लेकिन प्रदेश नेतृत्व की भूमिका कमजोर होने की आशंका भी जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी संगठन में शक्ति संतुलन स्थापित करना चाहते हैं, जिससे जिलास्तर पर नेतृत्व मजबूत हो, लेकिन हाईकमान की पकड़ भी बनी रहे। इस कदम से कांग्रेस में गुटबाजी पर नियंत्रण की उम्मीद की जा रही है।

बूथ से लेकर जिले तक की रिपोर्ट पेश करेंगे जिलाध्यक्ष

इस बैठक में जिलाध्यक्षों को अपने क्षेत्र की विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसमें बूथ, सेक्टर, जोन कमेटी और ब्लॉक अध्यक्षों की सूची के अलावा पार्टी की संपत्तियों और 2024 से अब तक आयोजित सभी कार्यक्रमों की जानकारी शामिल होगी।

महासचिवों की बैठक में भी उठा था मुद्दा

इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस महासचिवों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। कुछ महासचिवों ने आपत्ति जताई थी कि जिलाध्यक्षों को इतनी शक्ति देने से प्रदेश नेतृत्व कमजोर हो सकता है। हालांकि, राहुल गांधी ने इन आपत्तियों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यदि जिलाध्यक्षों को अधिक अधिकार मिलते हैं, तो इससे संगठन मजबूत ही होगा।

प्रदेश नेतृत्व पर पड़ेगा असर?

इस बैठक के बाद कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव देखने को मिल सकता है। अब तक जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से हाईकमान तक पहुंचती थी, लेकिन इस बैठक के बाद राहुल गांधी सीधे जिलाध्यक्षों से फीडबैक लेंगे। इससे प्रदेश नेतृत्व की भूमिका प्रभावित हो सकती है और शक्ति संतुलन बदल सकता है।

ग्राउंड लेवल पर पकड़ मजबूत करने की कवायद

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के इस नए मॉडल से जिलास्तर पर नेतृत्व को मजबूती मिलेगी और बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। हालांकि, इससे प्रदेश नेतृत्व की भूमिका सीमित होने की आशंका भी जताई जा रही है। अब देखना होगा कि कांग्रेस के इस नए संगठनात्मक मॉडल का असर आगामी चुनावों में किस तरह दिखाई देता है।

साभार… 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Medical College: मध्यप्रदेश कैबिनेट का बड़ा फैसला: निजी मेडिकल कॉलेज को 1 रुपए में जमीन

निजी मेडिकल कॉलेज को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन Medical College: भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ....

Dignity of life: प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न, भण्डारा कल

Dignity of life: बैतूल। नगर के देशबंधु वार्ड टिकारी स्थित श्री राम...

Session: अहमदाबाद में शुरू हुआ कांग्रेस का 84 वाँ अधिवेशन

सोनिया-राहुल और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे Session: अहमदाबाद(ई-न्यूज)। कांग्रेस का 84 वाँ अधिवेशन...

Report: बीजेपी को मिले 2064, कांग्रेस को 190 करोड़

राष्ट्रीय राजनैतिक दलों को मिले चंदे की रिपोर्ट में हुआ खुलासा Report:...