Doubt: भोपाल/उज्जैन/वाराणसी। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिनों तक रहने के कारण दीपावली की सही तिथि को लेकर संशय बना हुआ था। हालांकि, बनारस, उज्जैन और भोपाल के प्रमुख ज्योतिषाचार्यों ने स्पष्ट किया है कि दीपावली 20 अक्टूबर, सोमवार को ही मनाई जानी चाहिए, क्योंकि इस दिन अमावस्या तिथि प्रदोष और निशीथ काल दोनों में रहेगी।
🌑 21 अक्टूबर को अमावस्या सूर्यास्त से पहले खत्म
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:43 बजे तक रहेगी।
21 अक्टूबर को अमावस्या सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाएगी, जिसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी।
इस कारण उस दिन लक्ष्मी पूजन या दीपोत्सव का कोई शास्त्रीय औचित्य नहीं रहेगा।
🕯️ प्रदोष और निशीथ काल में पूजन का महत्व
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष और निशीथ काल में किया जाता है।
- प्रदोष काल — सूर्यास्त से लगभग 1.5 से 2 घंटे पहले और बाद का समय होता है।
- निशीथ काल — रात्रि के मध्य का समय, लगभग रात 12 से 1:30 बजे तक, लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस वर्ष 20 अक्टूबर को दोनों शुभ काल अमावस्या तिथि में ही पड़ रहे हैं, इसलिए इस दिन दीपावली मनाना शास्त्रसम्मत बताया गया है।
🛕 महाकाल मंदिर में भी 20 अक्टूबर को दीपोत्सव
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भी इस वर्ष 20 अक्टूबर को ही दीपावली और लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया जाएगा।
मंदिर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और श्रद्धालुओं के लिए विशेष पूजन व्यवस्था की जा रही है।
📜 पिछले 25 वर्षों में 11 बार अक्टूबर में मनी दीपावली
ज्योतिषीय आंकड़ों के अनुसार, पिछले 25 वर्षों में 11 बार दीपावली अक्टूबर माह में मनाई गई है, जबकि 13 बार नवंबर में।
इसके अलावा, यह तीसरा अवसर होगा जब दीपावली सोमवार के दिन मनाई जाएगी, जिसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
🧠 भास्कर एक्सपर्ट पैनल
- पं. भंवरलाल शर्मा – ज्योतिषाचार्य, भोपाल
- पूनम श्रीवास्तव – ज्योतिष विशेषज्ञ, भोपाल
- प्रो. विनय कुमार – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- आचार्य कमलेश शास्त्री – वाराणसी
- पं. विजय दीक्षित, अर्चना सरमंडल – उज्जैन
- साभार..
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