सिंधु जल समझौता निलंबित
Water crisis: नई दिल्ली/इस्लामाबाद — भारत ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने सियाल और बगलिहार बांधों के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे पाकिस्तान जाने वाला पानी रुक गया है। इस कदम के चलते पाकिस्तान में चिनाब नदी का जलस्तर 22 फीट से घटकर 15 फीट रह गया है। पाकिस्तानी जल प्राधिकरणों का कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही तो अगले 4 दिनों में पंजाब प्रांत के 24 शहरों में 3 करोड़ से ज्यादा लोग पीने के पानी के लिए संघर्ष करेंगे।
पाकिस्तान में बढ़ी चिंता
पाकिस्तान के फैसलाबाद, हाफिजाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहरों की करीब 80% आबादी चिनाब के सतही जल पर निर्भर है। सिंधु जल प्राधिकरण ने आशंका जताई है कि भारत के इस कदम से खरीफ की फसलों के लिए पानी में 21% तक की कमी आ सकती है। पाकिस्तानी संसद में इस कार्रवाई को “जलयुद्ध” करार दिया गया है।
सिंधु जल समझौता स्थगित
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है।
इस ऐतिहासिक समझौते के तहत:
- भारत को पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज)
- पाकिस्तान को पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) मिली थीं
संभावित प्रभाव
- कृषि संकट: पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति घटने से खरीफ फसलें प्रभावित होंगी।
- बिजली संकट: पाकिस्तान इन नदियों पर बने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स से बड़ी मात्रा में बिजली बनाता है। जल आपूर्ति रुकने से बिजली उत्पादन घट सकता है।
- आर्थिक असर: जल संकट का असर उद्योगों, रोज़गार और खाद्य सुरक्षा पर पड़ सकता है, जिससे महंगाई और बेरोजगारी में इजाफा हो सकता है।
भारत का रुख
भारत ने अपने रुख को सुरक्षा आधारित निर्णय बताया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकी घटनाओं पर नियंत्रण नहीं करता, तब तक कूटनीतिक और जल नीति दोनों मोर्चों पर कठोर रवैया अपनाया जाएगा।
साभार….
Leave a comment