972 बसों में से पहले चरण में 472 बसें मिलेंगी
E-Bus: भोपाल: प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन नगर निगम क्षेत्रों में ई-बस सेवा शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वच्छता पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही नौ से अधिक ई-बसें सड़कों पर उतरेंगी। उन्होंने बताया कि अब नगर निगमों द्वारा चार्जिंग स्टेशन और डिपो निर्माण पर फोकस किया जाएगा, ताकि बसों के आने के साथ ही संचालन शुरू किया जा सके।
🚍 भारत सरकार से मिलेंगी कुल 972 ई-बसें
भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को कुल 972 ई-बसें देने का निर्णय लिया है। इनमें से पहले चरण में 472 बसों के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। ये बसें मुख्य रूप से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में चलेंगी।
- इन बसों के संचालन की जिम्मेदारी ग्रीन सेल कंपनी को सौंपी गई है।
- कंपनी 10 चार्जिंग डिपो बनाएगी और 6 शहरों में ई-बसें उपलब्ध कराएगी।
- केंद्र सरकार कंपनी को 12 साल के लिए ऑपरेशन और मेंटेनेंस लागत प्रदान करेगी।
⚙️ डिपो और चार्जिंग स्टेशन तैयार हो रहे
नगरीय विकास विभाग ने पांचों नगर निगमों को निर्देश दिए हैं कि
- ई-बस डिपो के लिए जमीन चिन्हित करें,
- चार्जिंग स्टेशन की टेंडर प्रक्रिया तेज करें,
- ताकि बसें मिलने के बाद संचालन में देरी न हो।
कुछ नगर निगमों में चार्जिंग स्टेशन निर्माण के टेंडर जारी भी कर दिए गए हैं।
🔋 बसों का विवरण
- 472 मिडी ई-बसें (26 सीटर)
- 110 मिनी ई-बसें (21 सीटर)
बसों का किराया निर्धारण नगर निगमों द्वारा किया जाएगा। इनका संचालन GCC (Global Capability Centre) मॉडल पर किया जाएगा, जिसमें निजी ऑपरेटर रखरखाव और परिचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
🚦 दूसरा चरण (साल 2026)
सागर, देवास और सतना नगर निगमों को दूसरे चरण में ई-बसें दी जाएंगी।
राज्य सरकार ने इन नगर निगमों को भी
- डिपो निर्माण की जगह तय करने,
- और टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
लक्ष्य है कि वर्ष 2026 की शुरुआत तक इन शहरों में भी ई-बस संचालन शुरू किया जा सके।
साभार…
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