Encroachment: बैतूल। अतिक्रमण का दूसरा पर्याय बैतूल शहर हो गया है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि कितना भी प्रयास कर ले अतिक्रमण कम नहीं होना है। प्रशासन सुबह अतिक्रमण हटाता है शाम को फिर उसी जगह पर वही अतिक्रमणकारी फिर से अपना कब्जा जमा लेते हैं। इसका हाल ही में सबसे बड़ा उदाहरण नगर पालिका की बाऊंड्रीवाल से लगकर फलों की दुकान का है। जहां रोड चौड़ी करने के लिए अतिक्रमण हटाने के बाद ट्रकों से गिट्टी तक डाल दी गई लेकिन उसी गिट्टी के बीच ठेले फिर से लगे हैं। इसके साथ ही अतिक्रमणकारियों की नजर उस सडक़ पर भी पड़ गई है जो अभी तक अतिक्रमण से अछूती थी।
आकाशवाणी मार्ग पर कब्जे हुए शुरू

अभी तक गणेश चौक से लेकर परशुराम चौक तक का मार्ग अतिक्रमण से अछूता था लेकिन इसी मार्ग पर इनकम टैक्स आफिस के सामने और दूरदर्शन कार्यालय के दरवाजे से लगकर मुख्य मार्ग पर बने फुटपाथ पर दो दिन पहले दो गुमठियां लगा दी गई है जिसमें से एक में तो चार पहिया वाहन सुधरने का काम भी शुरू हो गया है। ये वाहन भी रोड से लगकर खड़े किए जा रहे हैं।
परशुराम चौक पर भी हुआ अतिक्रमण

लाखों रुपए खर्च कर नगर पालिका परिषद द्वारा नाले की भराई करवाकर प्लेटफार्म बनवाया गया था। जहां परशुराम जी की मूर्ति लगाया जाना प्रस्तावित है। कॉलेज चौराहे से कालापाठा मार्ग पर नाले के बाजू में रोड से लगकर लगभग 60 फीट चौड़े इस प्लेटफार्म पर तुरंत फलों के ठेले लगना शुरू हो गए। इस अतिक्रमण को लेकर परशुराम सेना और समाज के अन्य सदस्य देखकर भी अंजान बने हुए हैं। यदि यह अतिक्रमण नहीं हटा तो यहां पर गुमठियां लगना शुरू हो जाएगी और परशुराम चौक नाममात्र का रह जाएगा।
व्यस्त चौराहे पर भी लग गई गुमठी

गंज से गणेश चौक आने वाले एवं एसपी आफिस से कालापाठा जाने वाले चौराहे पर दिन भर भारी वाहन सहित चार पहिया वाहन एवं दो पहिया वाहन बड़ी संख्या में निकलते हैं और इससे लगभग दिन भर जमा की स्थिति बनी रहती है। लेकिन इस चौराहे पर दोनों तरफ भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो गया है। जिसको लेकर प्रशासन भी लापरवाह बना हुआ है। यदि इस अतिक्रमण को नहीं हटाया गया तो जाम की स्थिति और अधिक गंभीर होगी क्योंकि इसी मार्ग पर जयवंती हाक्सर कालेज, आरडी पब्लिक स्कूल के अलावा अधिकारियों के निवास और वन विद्यालय सहित कई कार्यालय भी हैं।
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