महानआर्यमन निर्विरोध अध्यक्ष बनने तय
Entry: इंदौर। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के अध्यक्ष पद पर अब सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी की एंट्री होने जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महानआर्यमन सिंधिया निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाना तय है। शनिवार 30 अगस्त को नामांकन की अंतिम तिथि थी और प्रेसिडेंट पद के लिए उनके अलावा किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
सिंधिया परिवार का क्रिकेट से जुड़ाव पुराना है।
- माधवराव सिंधिया 1982 में पहली बार एमपीसीए अध्यक्ष बने और आगे चलकर 1990-93 तक बीसीसीआई अध्यक्ष भी रहे।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2004 से एमपीसीए का नेतृत्व किया और 2010 तथा 2012 में कैलाश विजयवर्गीय को हराकर अध्यक्ष पद बरकरार रखा।
- अब महानआर्यमन सिंधिया एमपीसीए के सबसे युवा अध्यक्ष बनने वाले हैं।
महानआर्यमन की भूमिका
महानआर्यमन फिलहाल ग्वालियर डिवीजन के उपाध्यक्ष हैं और पिछले दो वर्षों से क्रिकेट प्रशासन में सक्रिय हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग सिंधिया कप का सफल आयोजन किया था, जो आईपीएल की तर्ज पर आयोजित की गई फ्रेंचाइजी प्रतियोगिता है।
एमपीसीए के मौजूदा अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर का कहना है कि –
“महानआर्यमन ने क्रिकेट मैनेजमेंट में अपनी क्षमता साबित की है। सर्वानुमति से चुना जाना इस बात का संकेत है कि संगठन एकजुट रहकर क्रिकेट के हित में काम करना चाहता है।”
चुनाव प्रक्रिया
- 31 अगस्त को नामांकन की स्क्रूटनी और प्रकाशन होगा।
- 1 सितंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि है।
- 2 सितंबर को आधिकारिक तौर पर परिणाम घोषित होगा और नई कार्यकारिणी अगले तीन साल के लिए कार्यभार संभालेगी।
जानकारों का मानना है कि महानआर्यमन की यह एंट्री उनके भावी राजनीतिक करियर की पारी का भी आगाज़ हो सकती है, क्योंकि उनके पिता और दादा ने भी सार्वजनिक जीवन की शुरुआत क्रिकेट प्रशासन से ही की थी।
साभार…
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