Events: इंदौर। इस बार विजयादशमी पर इंदौर में परंपरा से हटकर रावण के साथ उसकी बहन शूर्पणखा और उसकी सेना का भी पुतला दहन किया जाएगा। संस्था ‘पौरुष’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पहली बार महिला पात्र के पुतले तैयार हो रहे हैं, जिसने देशभर में जिज्ञासा और चर्चा को जन्म दिया है।
पहली बार महिला पात्र का पुतला
25 साल से रावण पुतले बनाने वाले अनुभवी निर्माता कालू भैया और उनकी टीम इस बार शूर्पणखा का पुतला तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि महिला पात्र होने के कारण इसके स्वरूप, बनावट और प्रस्तुति में विशेष सावधानी बरती जा रही है। “हम शूर्पणखा को वैसा ही बनाएंगे जैसा उसे उस काल में दर्शाया गया है। उसकी खूबसूरती उसके चेहरे के भावों में छिपी होगी,” उन्होंने कहा।
उद्देश्य— ऊंचाई नहीं, सामाजिक संदेश
संस्था ‘पौरुष’ के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने बताया कि आयोजन का मकसद केवल रावण के बड़े पुतले खड़े करना नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश देना है। “शूर्पणखा का पुतला भले ही छोटा हो, लेकिन इसका संदेश बड़ा होगा। यह आयोजन समाज में व्याप्त विकृतियों और विसंगतियों के खिलाफ चेतावनी है।”
‘पुरुष बचाओ’ की मांग भी उठी
मानव अधिकार संगठन की राष्ट्रीय महासचिव सविता मालवीय ने इस आयोजन का समर्थन किया और कहा कि अब समय आ गया है कि देश में ‘बेटी बचाओ’ के साथ-साथ ‘पुरुष बचाओ, भाई बचाओ, बेटा बचाओ’ जैसे अभियान भी चलाए जाएं। उन्होंने ‘पुरुष आयोग’ के गठन की मांग भी रखी ताकि झूठे मामलों में फंसे निर्दोष पुरुषों को न्याय मिल सके।
जुलूस और दहन का कार्यक्रम
आयोजन के तहत 2 अक्टूबर को शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों को ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस में पूरे शहर में घुमाया जाएगा। इसके बाद दम्हा लक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड में इनका दहन होगा। कार्यक्रम के लिए एक विशेष एंथम भी तैयार किया गया है।
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