तोड़फोड़-पथराव रोकने को पुलिस का लाठीचार्ज
Firing: कुरुक्षेत्र: घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। धार्मिक आयोजन जैसे महायज्ञ में इस तरह की हिंसा और फायरिंग होना बेहद निंदनीय है। ब्राह्मणों को बासी खाना परोसे जाने और उनके विरोध करने पर उन पर हमला किया जाना, फिर फायरिंग जैसी घटना का होना दर्शाता है कि आयोजन में सुरक्षा और प्रबंधन में भारी चूक हुई है।
घटना के मुख्य पहलू कुछ इस प्रकार हैं:
- बासी खाना परोसा जाना: ब्राह्मणों का आरोप है कि नाश्ते में बासी और बदबूदार भोजन दिया गया, जिसका विरोध करने पर विवाद बढ़ गया।
- सुरक्षा गार्डों की फायरिंग: विरोध करने पर आयोजकों के सुरक्षा गार्डों ने न केवल मारपीट की, बल्कि फायरिंग भी की, जिसमें एक ब्राह्मण को गोली लग गई।
- आयोजकों की भूमिका: आयोजक आचार्य स्वामी शुभ का यह बयान कि यह शरारती तत्वों की हरकत है, घटना की गंभीरता को नजरअंदाज करने जैसा प्रतीत होता है।
- पुलिस का रवैया: पुलिस ने माहौल को शांत करने के लिए लाठीचार्ज किया, जो स्थिति को और भड़का सकता था। हालांकि, अब जाम खुलवा दिया गया है और ब्राह्मणों को यज्ञशाला भेजा गया है।
- पहले भी मारपीट के आरोप: वृंदावन के ब्राह्मणों के साथ पहले भी मारपीट की घटना होना बताता है कि यह कोई पहली घटना नहीं है।
ऐसी घटनाएं धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को भंग करती हैं और आयोजनकर्ताओं की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती हैं। क्या आपको इस मामले में किसी विशेष पहलू पर और जानकारी चाहिए या कोई विश्लेषण चाहेंगे?
source internet… साभार….
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