Funeral: बनासकांठा (गुजरात) – गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण ब्लास्ट में 20 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी मध्यप्रदेश के हरदा और देवास जिले के रहने वाले थे। हादसे के बाद 18 शवों का सामूहिक अंतिम संस्कार देवास के नेमावर घाट पर किया गया, जबकि दो शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है।
भीषण धमाके से मची तबाही
मंगलवार सुबह करीब 8 बजे बनासकांठा जिले के डीसा इलाके में एक पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि फैक्ट्री की इमारत ध्वस्त हो गई और मजदूरों के शरीर के अंग 50 मीटर दूर तक बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे खेतों में भी मानव अंग मिलने की सूचना मिली है।
इस हादसे में हरदा के हंडिया से 8 और देवास के संदलपुर से 9 मजदूरों की मौत हो गई। साथ ही, खातेगांव के एक ठेकेदार की भी जान चली गई। इसके अलावा, आठ अन्य मजदूर घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।

प्रशासन ने करवाया सामूहिक अंतिम संस्कार
हादसे के बाद प्रशासन ने मृतकों के शवों को उनके गांवों तक पहुंचाने की व्यवस्था की। देवास जिले के संदलपुर के 9 मजदूरों के शव पहले उनके गांव ले जाए गए, जहां परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद उन्हें नेमावर घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
हरदा के हंडिया के मृतकों के शवों को सीधे नेमावर घाट लाया गया, जहां परिवार के सदस्यों ने एंबुलेंस में ही अपने प्रियजनों का अंतिम दर्शन किया।
एम्बुलेंस के जरिए शवों को मध्यप्रदेश लाया गया
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से मंत्री नागर सिंह के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की एक टीम शवों को लेने गुजरात गई थी। बुधवार सुबह सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पैतृक स्थानों के लिए रवाना किया गया।
देवास जिले में पर्याप्त आइस बॉक्स की सुविधा न होने के कारण शवों को पहले इंदौर एमवाय अस्पताल की मॉर्चुरी में रखा गया। गुरुवार सुबह परिजनों को शव सौंपे गए और अंतिम दर्शन के बाद उन्हें नेमावर घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
हादसे की जांच जारी
स्थानीय प्रशासन और पुलिस इस हादसे की विस्तृत जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की आशंका जताई जा रही है। सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।
यह हादसा सुरक्षा उपायों की अनदेखी के गंभीर परिणाम को दर्शाता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गहराई से जांच करे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दे ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
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