रामेश्वरम | रामनवमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तमिलनाडु के पवित्र तीर्थस्थल रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज का भव्य उद्घाटन किया। 2.08 किमी लंबा यह नया पम्बन ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि मंडपम से जोड़ता है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना कर भगवान राम के चरणों में आस्था अर्पित की। यह वही क्षेत्र है, जहां से रामायण काल में रामसेतु निर्माण की कथा जुड़ी है।
🚆 पुल की विशेषताएं:
- यह ब्रिज पूरी तरह ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम पर आधारित है।
- 5 मिनट में इसका सेंटर स्पैन 22 मीटर तक ऊपर उठ सकता है।
- यह सिस्टम सिर्फ एक ऑपरेटर द्वारा संचालित किया जा सकता है, जबकि पुराने पुल को खोलने में 14 लोग लगते थे।
- 100 स्पैन से बने इस ब्रिज को डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए डिजाइन किया गया है।
🔧 अत्याधुनिक तकनीक और निर्माण:
ब्रिज स्टेनलेस स्टील से बना है और उस पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जो समुद्री जंग से सुरक्षा देती है। इसमें काउंटर-वेट बैलेंसिंग सिस्टम और बड़े शिव्स लगाए गए हैं जिससे लिफ्टिंग प्रक्रिया स्मूद और सुरक्षित हो सके।
📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- 1914 में बना पुराना पम्बन ब्रिज भारत का पहला समुद्री रेलवे पुल था, जो 108 वर्षों तक सेवा में रहा।
- उसे 2022 में बंद कर दिया गया था, क्योंकि उसमें गंभीर जंग लग गई थी।
- नया ब्रिज नवंबर 2019 में पीएम मोदी द्वारा नींव रखे जाने के बाद शुरू हुआ था।
🔍 ट्रायल और सुरक्षा:
- जनवरी 2025 में रामेश्वरम एक्सप्रेस का सफल ट्रायल रन किया गया था।
- CRS (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) ने इसे 75 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ मंजूरी दी है, जबकि लिफ्टिंग सेक्शन पर 50 किमी प्रति घंटे की सीमा तय की गई है।
- रिपोर्ट में कुछ आपत्तियाँ थीं, जैसे कि RDSO डिजाइन का पालन न होना, लेकिन विशेषज्ञ पैनल ने इसे 100 वर्षों तक सुरक्षित घोषित किया।
💰 ₹8300 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स की सौगात:
पीएम मोदी ने इस मौके पर तमिलनाडु में ₹8300 करोड़ से अधिक की लागत वाले रेल और सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इसके बाद वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
✨ धार्मिक और रणनीतिक महत्व:
रामेश्वरम भारत के चार धामों में से एक है और रणनीतिक दृष्टि से श्रीलंका से निकटता के कारण यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से भी अहम रहा है। पुल के माध्यम से न केवल रेल कनेक्टिविटी बहाल हुई है, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी नई गति मिलेगी।
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