ढोल-नगाड़ों और फूलों की बारिश के बीच उमड़ा जनसैलाब
Grand welcome: छतरपुर/भोपाल। महिला क्रिकेट विश्व कप विजेता क्रांति गौड़ शुक्रवार देर रात जब अपने गृहग्राम घुवारा पहुंचीं, तो गांव दीपावली की तरह जगमगा उठा। ढोल-नगाड़ों की थाप, आतिशबाजी और फूलों की बारिश के बीच लोगों ने अपनी बेटी का स्वागत किया। क्रांति के सम्मान में गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा — घरों पर रोशनी, सड़कों पर भीड़ और चेहरे पर गर्व झलकता नजर आया।
🔹 गांव में जश्न, 4 क्विंटल लड्डू बंटे
क्रांति गौड़ के घर को फूलों से सजाया गया। उनके पिता ने कहा, “बेटी की उपलब्धि पर गर्व है। वह पूरे देश और जिले का नाम रोशन कर रही है।”
गांव में खुशियां बांटने के लिए 4 क्विंटल लड्डू तैयार कराए गए, जिन्हें ग्रामीणों में वितरित किया गया।
🔹 स्वागत में भीड़ बेकाबू, भगदड़ जैसे हालात
घुवारा नगर में आयोजित फलदान कार्यक्रम के दौरान अचानक भीड़ बेकाबू हो गई।
सुरक्षा घेरे के टूटने से क्रांति को हल्का धक्का लग गया, हालांकि स्थानीय लोगों ने तुरंत आगे बढ़कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
लोगों के जोश को देखते हुए पुलिस को कई बार भीड़ नियंत्रित करनी पड़ी।
🔹 खजुराहो से शुरू हुआ सम्मान का सफर
शुक्रवार दोपहर खजुराहो एयरपोर्ट पर क्रांति गौड़ का भव्य स्वागत किया गया।
इसके बाद वे कार की छत पर बैठकर लोगों का अभिवादन करती रहीं, रास्तेभर फूल बरसे और भीड़ “भारत माता की जय” के नारों से गूंजती रही।
गांव पहुंचने से पहले उन्होंने चौपरिया सरकार मंदिर में हनुमानजी के समक्ष माथा टेका।
🔹 भोपाल में सीएम हाउस पर हुआ सम्मान
इससे पहले भोपाल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्रांति गौड़ को मोमेंटो और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
सीएम ने इस अवसर पर क्रांति के पिता मुन्ना सिंह की पुलिस विभाग में बहाली की घोषणा की और कहा कि छतरपुर में विश्व स्तरीय स्टेडियम बनाया जाएगा।

🔹 जनजातीय गौरव दिवस पर होगा विशेष सम्मान
मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 नवंबर को जबलपुर में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर क्रांति गौड़ का राज्यस्तरीय सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस समारोह में खेल मंत्री विश्वास सारंग ने क्रांति के माता-पिता और कोच राजीव बिल्थरे को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में युवा खिलाड़ियों ने क्रांति से विश्व कप की तैयारियों और अनुभवों पर चर्चा की।
घुवारा की बेटी क्रांति गौड़ अब पूरे देश की शान बन चुकी हैं।
गांववालों की खुशी, मातापिता का गर्व और सरकार के सम्मान — सब मिलकर यह साबित कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश की बेटियां अब खेल जगत में नया इतिहास लिख रही हैं।
साभार…
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