Great strength नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। देश के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार को सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए। उनके साथ मिशन का पूरा क्रू भी सकुशल वापस लौटा। यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए एक अहम पूर्वाभ्यास माना जा रहा है।
🌌 41 साल बाद अंतरिक्ष में भारतीय उपस्थिति
शुभांशु शुक्ला ने 41 साल बाद भारत की अंतरिक्ष में उपस्थिति दर्ज कराई है। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष गए थे। लेकिन शुभांशु न सिर्फ आधुनिक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे, बल्कि वहां 7 वैज्ञानिक प्रयोग भी सफलतापूर्वक पूरे किए।
🇮🇳 पीएम मोदी ने बताया ‘मील का पत्थर’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु की वापसी पर उन्हें बधाई दी और इस मिशन को “गगनयान की दिशा में एक मील का पत्थर” बताया। उन्होंने कहा,
“ISS में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में शुभांशु शुक्ला ने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से देशवासियों को प्रेरित किया है। यह भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन की तैयारी में एक बड़ा कदम है।”
🔬 वैज्ञानिक प्रयोग और गगनयान को लाभ
इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने बताया कि शुभांशु द्वारा अंतरिक्ष में किए गए प्रयोगों और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के अनुभव से गगनयान मिशन की तैयारी को व्यवहारिक दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा,
“यह मिशन इसरो के लिए सीखने का एक बड़ा अवसर था। शुभांशु का अनुभव गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने में मदद करेगा।”
🛰️ गगनयान मिशन: अगला कदम
गगनयान मिशन को लेकर इसरो ने रोडमैप तैयार कर लिया है:
- 2025 के अंत तक पहला मानवरहित मिशन लॉन्च किया जाएगा।
- इसके बाद दो और मानवरहित उड़ानें होंगी।
- अंतिम चरण में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जो 2 से 7 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे।
- साभार…
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