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Havoc: देशभर में मानसून का कहर: उत्तर और मध्य भारत में बाढ़ जैसे हालात, जनजीवन अस्त-व्यस्त

देशभर में मानसून का कहर: उत्तर

Havoc: नई दिल्ली/भोपाल/लखनऊ। देश के उत्तर और मध्य भारत में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों के उफान, बाढ़ जैसे हालात, भूस्खलन और धार्मिक स्थलों पर जलभराव के दृश्य अब आम होते जा रहे हैं।


मध्य प्रदेश: कई जिलों में रेड अलर्ट, सड़कें और वाहन बाढ़ की चपेट में

राज्य के मंडला, सिवनी और बालाघाट जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। टीकमगढ़ में 24 घंटे में 6 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि जबलपुर में गैस सिलेंडरों से भरा एक ट्रक पानी में डूब गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सिलेंडर नदी में बहते नजर आ रहे हैं।
मंडला और आसपास के इलाकों में हालात गंभीर हैं, जहां कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।


उत्तर प्रदेश: गंगा उफान पर, मणिकर्णिका घाट जलमग्न

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। बीते चार दिनों में 15 फीट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शुक्रवार रात तक जलस्तर 62.63 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान (71.262 मीटर) के करीब है।

  • मणिकर्णिका घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।
  • शवदाह स्थल डूबने के कारण अब घाट की छतों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
  • पवित्र रत्नेश्वर महादेव मंदिर आधा डूब चुका है।
  • 300 से अधिक पंडा-पुरोहितों की चौकियां पानी में समा गई हैं।

ये दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं और देशभर में चिंता का विषय बने हुए हैं।


हिमाचल प्रदेश: बाढ़ और भूस्खलन से तबाही, 69 की मौत, 500 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में मानसून का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। कांगड़ा, मंडी, शिमला और चंबा जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 69 लोगों की जान जा चुकी है।

  • मंडी जिले में सबसे ज्यादा 17 मौतें हुई हैं।
  • 40 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
  • राज्य में 500 से अधिक सड़कें बंद, और 14 पुल बह गए हैं।
    पर्यटन, यातायात और जीवन-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।

राजस्थान: पूरे राज्य में बारिश, सामान्य से 137% अधिक वर्षा

राजस्थान में इस बार मानसून सभी जिलों तक पहुंच चुका है।

  • 1 जून से अब तक 167.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 137% अधिक है।
  • जबकि पिछले साल जुलाई के पहले सप्ताह तक 14 जिले सूखे की चपेट में थे।
    इस बार हालात बिल्कुल उलट हैं, जिससे कृषि और जल भंडारण को राहत तो मिली है, लेकिन शहरों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।

जनजीवन पर गहरा असर, मौसम विभाग की चेतावनी

धार्मिक स्थलों पर जलभराव, यातायात ठप, पुल टूटना और लापता लोग—हर क्षेत्र से संकट की खबरें आ रही हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी 3-4 दिनों तक भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। इससे हालात और बिगड़ने की आशंका है।

साभार… 

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