अलीशा खान नकाब में थीं लेकिन माथे पर तिलक
Hiking: वृंदावन (मथुरा) — प्रयागराज महाकुंभ में सुर्खियों में आईं हर्षा रिछारिया ने सोमवार सुबह वृंदावन से संभल के लिए 175 किमी लंबी पदयात्रा शुरू की। ‘सनातन जागरण’ के उद्देश्य से निकली इस यात्रा में सैकड़ों समर्थक, साधु-संत और युवा उनके साथ चल रहे हैं। यात्रा का समापन 21 अप्रैल को संभल में एक भव्य कार्यक्रम के साथ होगा।
बांके बिहारी के जयकारों के साथ हुई यात्रा की शुरुआत
हर्षा ने बांके बिहारी मंदिर में भगवान शिव और श्रीराम की पूजा-अर्चना के बाद यात्रा का शुभारंभ किया। मंदिर में चप्पल गुम होने के बावजूद वे नंगे पैर ही यात्रा पर निकल पड़ीं। रास्ते में यमुना मैया को प्रणाम कर जयकारों के बीच यात्रा आगे बढ़ी।
अलीशा खान का समर्थन, नकाब में आईं लेकिन माथे पर तिलक
पदयात्रा में मथुरा की रहने वाली अलीशा खान भी शामिल हुईं, जो नकाब में थीं लेकिन माथे पर तिलक लगाए हुए थीं। अलीशा ने कहा, “सनातन में महिलाओं का सम्मान है। हमारे यहां लड़कियों को बंद रखा जाता है, लेकिन यहां उन्हें लक्ष्मी माना जाता है। मैं युवाओं को इस राह से जोड़ने आई हूं।”
युवाओं को सनातन से जोड़ने का प्रयास: हर्षा रिछारिया
हर्षा रिछारिया का कहना है कि यह यात्रा उन युवाओं को फिर से सनातन धर्म की ओर मोड़ने का प्रयास है जो इससे विमुख हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “ये तपस्या मुझे कहीं तो लेकर जाएगी। जाति-पाति से ऊपर उठकर, सभी हिंदुओं को एकजुट होने का समय आ गया है।”
श्रीराम मंदिर आश्रम से समर्थन
पदयात्रा को वृंदावन के श्रीराम मंदिर आश्रम के महंत रामचंद्र दास का भी समर्थन मिला है। उन्होंने बताया कि हर्षा उनके पास आई थीं और युवाओं को जागरूक करने की भावना के साथ सहयोग मांगा था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।
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