Inspection: उज्जैन – मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन के पवित्र रामघाट पर जल गंगा संवर्धन अभियान में भाग लेते हुए घाट पर सफाई की और शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर आस्था प्रकट की। इस अवसर पर उन्होंने घाटों की सफाई में जुटे कर्मियों और पंचकोशी यात्रियों का स्वागत करते हुए आगामी सिंहस्थ कुम्भ महापर्व 2028 की तैयारियों का खाका भी साझा किया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि कुम्भ को भव्य और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से 29 किलोमीटर के नए घाट तैयार किए जा रहे हैं। पहले से मौजूद 6 किमी घाटों के साथ कुल 35 किमी के घाट श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा, “हर घाट रामघाट जैसा पवित्र होगा, श्रद्धालु कहीं भी स्नान करें, उन्हें उतना ही पुण्य मिलेगा।”
इसके साथ ही शिप्रा नदी में नौकायन आधारित जलमार्ग तैयार करने की भी योजना है। शनि मंदिर से रामघाट, गऊघाट से लालपुर और मंगलनाथ से रामघाट तक श्रद्धालु नौकाओं से यात्रा कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, बल्कि घाटों पर भीड़भाड़ भी नियंत्रित रहेगी।
सीएम ने पंचकोशी परिक्रमा की परंपरा को भी उजागर किया, जिसमें हर वर्ष लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि परिक्रमा मार्ग पर स्वच्छता और जल शुद्धता सुनिश्चित की जाएगी, खासतौर पर शिप्रा नदी के भीतर जमी गंदगी को हटाना प्राथमिकता होगी।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “यह हम सबका फर्ज है कि हम अपने धार्मिक स्थलों की सेवा करें। जल और घाटों की शुद्धता सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही संभव है।”
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