कलेक्टर और एसपी ने मौके पर पहुंचकर किया औचक निरीक्षण
Inspection: दामजीपुरा। बैतूल से आशापुर-खंडवा जाने वाले मार्ग पर स्थित लेड़दा घाट में बने डेंजर स्पॉट पर आए दिन दुर्घटनाएं होती थी जिससे जान और माल दोनों का नुकसान होता था। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक संगठनों द्वारा लंबे समय से लेड़दा घाट कटिंग करने को लेकर मांग की जा रही थी। लोगों की मांग को देखते हुए घाट कटिंग की शासन द्वारा राशि भी स्वीकृत कर दी गई थी जिस पर अब काम शुरू हो गया है। लेड़दा घाट कटिंग करने के लिए दो पोकलेन और एक जेसीबी लगी हुई है। कार्य का निरीक्षण करने के लिए कल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, एसपी निश्चल एन झारिया, डीएफओ बैतूल श्री वरुण यादव, पुलिस चौकी प्रभारी भीमपुर उप निरीक्षक दिलीप यादव सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कलेक्टर-एसपी ने यह दिए निर्देश
लेड़दा घाट में चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने के उपरांत कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी एवं एसपी निश्चल एन झारिया ने घाट क्षेत्र में सड़क मरम्मत कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जाए। अपूर्ण सड़क निर्माण कार्यों को तत्काल पूरा किया जाए। दुर्घटनाओं को रोकने हेतु घाट क्षेत्र में आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। थाना प्रभारी चिचोली, चौकी प्रभारी भीमपुर को ओवरलोडिंग वाहनों पर सख्ती से कार्यवाही करने एवं जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित उपाय अपनाने का निर्देश दिया। घाट क्षेत्र में स्पष्ट रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्र का उल्लेख करते हुए चेतावनी बोर्ड लगवाने एवं संकेतकों का उपयोग सुनिश्चित करने। बड़े वाहनों के संचालन में सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
आए दिन होती थी दुर्घटनाएं
प्रशासन की इस पहल का उद्देश्य लेढ़दा घाट क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं को रोकना एवं यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाना है। इस घाट में आए दिन दुर्घटनाएं होती थी क्योंकि लेड़दा घाट में इस ओर से जाने वाले वाहन चालक को उस ओर से आने वाला वाहन दिखाई ही नहीं देता था और दोनों वाहनों के बीच सीधी भिड़ंत हो जाती थी जिससे जाल और माल दोनों की हानि होती थी। लेड़दा घाट कटिंग के लिए दामजीपुरा पत्रकार संघठन द्वारा बैतूल हरदा हरसूद सांसद डी डी उइके को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया था। इसके अलावा अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा भी ज्ञापन दिए गए थे। इस घाट में आए दिन वाहन पलटते थे या फिर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते थे जिसमें कईयों की मौत भी हो चुकी है।
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