Land worship:भोपाल/कोलकाता। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश टेक्सटाइल हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। राज्य में उत्पादित आर्गेनिक कॉटन की मांग अनेक देशों में है और निवेशकों के लिए यहां असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को धार जिले में देश के पहले पीएम मित्रा पार्क का भूमि-पूजन करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को कोलकाता स्थित होटल जे.डब्ल्यू. मैरियट में निवेशकों के साथ इंटरैक्टिव सेशन में कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति, उत्तम कनेक्टिविटी, औद्योगिक शांति और निवेशक हितैषी नीतियां इसे उद्योग जगत के लिए आदर्श गंतव्य बनाती हैं। उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि पीएम मित्रा पार्क निवेशकों को विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराएगा।
2,158 एकड़ में विकसित हो रहा यह पार्क करीब ₹2,000 करोड़ की लागत से तैयार होगा और इसमें लगभग 3 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है। पार्क में 20 MLD का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 10 MVA सौर ऊर्जा संयंत्र, श्रमिक आवास, 81 प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स और अत्याधुनिक लॉजिस्टिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नीतियां किसानों, उद्योगपतियों और युवाओं को समान रूप से लाभ पहुंचाने पर केंद्रित हैं। किसानों को फसल का उचित मूल्य, उद्योगपतियों को सरल प्रक्रियाएं और युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
इंटरैक्टिव सेशन में उद्योगपतियों ने भी मध्यप्रदेश को आकर्षक निवेश स्थल बताया।
- रुइया ग्रुप के सीएमडी पवन रुइया ने मुख्यमंत्री को दूरदर्शी नेता बताते हुए प्रदेश में निवेश विस्तार की घोषणा की।
- श्याम मेटालिक्स के चेयरमैन पुष्कर अग्रवाल ने 4,000 करोड़ से अधिक का नया निवेश करने की योजना जताई।
- प्रताप ग्रुप के डायरेक्टर हर्ष अग्रवाल ने एमपी को स्थिरता और सतत विकास का प्रतीक कहा।
- रूपा इंडस्ट्रीज के के.वी. अग्रवाल ने टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में अपार संभावनाओं पर जोर दिया।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में एक लाख एकड़ से अधिक का इंडस्ट्रियल लैंड बैंक, देश की सबसे सस्ती बिजली और विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना उपलब्ध है। राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्रीज को 100% छूट और एक्सपोर्ट यूनिट्स को 50% प्रोत्साहन दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश केवल व्यावसायिक विस्तार नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास की दिशा में भागीदारी का अवसर है।
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