मध्य प्रदेश की आदिवासी और शहरी आबादी को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नगरीय निकायों ने 16वें वित्त आयोग से अतिरिक्त बजट की मांग की है। बुधवार को वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने प्रदेश के दौरे के दौरान विभिन्न अधिकारियों, नगरीय निकाय प्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों के नेताओं से सुझाव लिए।
मुख्य बिंदु:
🔹 वित्त आयोग की अनुशंसा – 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031 तक लागू होगी।
🔹 बैठक में शामिल सदस्य:
- डॉ. अरविंद पनगढ़िया (अध्यक्ष)
- अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष (सदस्य)
- सचिव ऋत्विक पांडे और संयुक्त सचिव केके मिश्रा
🔹 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला से वित्त आयोग के सदस्यों की मुलाकात हुई।
🔹 वित्त आयोग से राज्य को उम्मीद:
✅ आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष बजट।
✅ शहरी निकायों को अधोसंरचना सुधार के लिए अतिरिक्त फंड।
✅ सामाजिक और आर्थिक योजनाओं के लिए नई सहायता।
क्या होगा आगे?
📌 वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद प्रदेश को अगले 5 सालों के लिए नई वित्तीय सहायता मिलेगी।
📌 आदिवासी और शहरी विकास परियोजनाओं को बढ़ावा मिलने की उम्मीद।
📌 आयोग की सिफारिशों पर सरकार का अगला कदम महत्वपूर्ण होगा।
आगे देखना होगा कि वित्त आयोग की अनुशंसाओं में मध्य प्रदेश को कितनी राहत मिलती है और इससे प्रदेश के विकास को कितना बढ़ावा मिलेगा।
source internet… साभार….
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