Meeting: नई दिल्ली | भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के खिलाफ की गई एयर स्ट्राइक “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। यह बैठक संसद भवन परिसर में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और विभिन्न दलों के सांसद मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन की जानकारी सभी दलों को देना और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक साझा दृष्टिकोण बनाना था। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बैठक की शुरुआत में कहा, “देश ने बड़ा कदम उठाया है, और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी राजनीतिक दलों को इस पर अवगत कराए।”
प्रधानमंत्री की गैर-मौजूदगी पर विपक्ष का सवाल
बैठक से पहले कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, “प्रधानमंत्री को खुद बैठक में आकर देश को जवाब देना चाहिए था। यह एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।” हालांकि, पीएम बैठक में शामिल नहीं हुए। मंत्रियों ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि बैठक की सारी जानकारी प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएगी।
पहलगाम हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’
यह बैठक 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक के संदर्भ में बुलाई गई थी। उस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय घोड़ेवाले की जान गई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और PoK में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने का दावा है।
सरकार ने मानी थी सुरक्षा में चूक
इससे पहले 24 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने स्वीकार किया था कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में गंभीर चूक हुई थी। विपक्ष ने उस बैठक में आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की थी।
विपक्ष का समर्थन, लेकिन सवाल कायम
बैठक के बाद विपक्ष ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। राहुल गांधी ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ हर कार्रवाई में सरकार के साथ हैं।” वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम सब इस मुद्दे पर एक हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।”
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